उत्तरप्रदेश राज्य के महोबा ज़िला से राबिया , मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि घरेलू हिंसा अभी भी है और वर्षों से चल आ रही है । आज भी महिलाएं अपनी खुशियों का गला दबा कर ,कभी माँ बाप के इज्जत की परवाह कर खामोश रह जाती है। बहुत महिलाओं को आज़ादी है लेकिन बहुत महिला ऐसी भी है जो चार दीवारी के अंदर घुट रही है। इन महिलाओं के लिए कोई आगे नहीं आया है