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लड़कियों के सपने सच में पुरे हो , इसके लिए हमें बहुत सारे समाजिक बदलाव करने की ज़रूरत है। और सबसे ज्यादा जो बदलाव की ज़रूरत है, वो है खुद की सोच को बदलने की। शिक्षा महिलाओं की स्थिति में बड़ा परिवर्तन ला सकती है लेकिन शिक्षा को लैंगिक रूप से संवेदनशील होने की जरूरत है। गरीब और वंचित समूह के बच्चों को जीवन में शिक्षा में पहले ही सीमित अवसर मिलते हैं उनमें से लड़कियों के लिए और भी कम अवसर मिलते हैं, समान अवसर तो दूर की बात है। सरकारी स्तर पर जितने ही प्रयास किये जा रहे हों, यदि हम समाज के लोग इसके लिए मुखर नहीं होंगे , तब तक ऐसी भयावह रिपोर्टों के आने का सिलसिला जारी रहेगा और सही शौचालय न होने के कारण छात्राओं को मजबूरी में स्कूल छोड़ने का दर्द सताता रहेगा। तब तक आप हमें बताएं कि *----- आपके गांव में सरकारी स्कूल में शौचालय है, और क्या उसकी स्थिति कैसी है? *----- क्या आपको भी लगता है कि सरकारी स्कूल में शौचालय नहीं होने से लड़कियों की शिक्षा से बाहर होने का बड़ा कारण है *----- शौचालय होने और ना होने से लड़कियों की शिक्षा किस प्रकार प्रभावित हो सकती है?

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला लखीमपुर खेरी से साकेत कुमार पांडेय , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि विद्यालय में जितने शिक्षक हैं उनकी आधी संख्या में ही शिक्षक आ रहे हैं , बच्चों के शिक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है । उनके शिक्षा अंधकार में डूबते जा रही है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला लखीमपुर खेरी से साकेत कुमार पांडेय , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि दो दिन तक रहे ड्राइवर लोगों की हड़ताल के बाद सभी चीज़ों में 20 प्रतिशत की हानि हुई है। ड्राइवर द्वारा आवागमन बंद करने से 20%का हुआ नुकसान

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प्राथमिक विद्यालय में बनने वाले खाने की गुणवत्ता क्या है

मुझे राजीव जी की डायरी पसंद है

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