सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

सीएमओ ने बताया कि परिवार नियोजन के लिए पुुरुषों को आगे आना चाहिए, क्योंकि इनकी शारीरिक संरचना महिलाओं की अपेक्षा अधिक सरल होती है। जिला प्रबंधक पद्माकर त्रिपाठी ने बताया कि ''''स्वस्थ मां, स्वस्थ बच्चा, जब पति का हो परिवार नियोजन में योगदान अच्छा'''' विषय पर इस बार अभियान चलाया जाएगा।

लखीमपुर खीरी। जिले में अब तक सिर्फ 24 पुरुषों की ही नसबंदी हो पाई है, जबकि शासन से 40 का लक्ष्य निर्धारित है। वहीं 6000 के लक्ष्य में महज 900 महिलाओं ने नसबंदी कराई है। निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार से नसबंदी पखवाड़े की शुरूआत की है। जो दो चरणों में चार दिसंबर तक चलेगा। पहले चरण में पुरुषों को जागरूक किया जाएगा और दूसरे चरण में नसबंदी कराई जाएगी।

भारत की बढ़ती जनसंख्या चिंता का विषय है,इस मुद्दे पर न सिर्फ सरकार को कदम उठाने की जरूरत है बल्कि समाज को भी जागरुक होने की जरूरत है.जनसंख्या के लगातार बढ़ जाने से हमारे पास मौजूद संसाधनों पर क्या