साइबर ठग फोन करके खुद को दोस्त या रिश्तेदार बताते हैं। मुसीबत में फंसने या आवश्यकता बताकर झांसे में फंसाते हैं। खाते से रुपये पार हो जाने पर पीड़ित को ठगी का पता चलता है। इसके अलावा खाते में रुपये क्रेडिट होने का फर्जी संदेश भेजकर भी लोगों को ठगा जा रहा है। साइबर ठग इन तरीकों से जिले के कई लोगों को चूना लगा चुके हैं। मोहम्मदी के बरेठी में रहने वाले त्रिलोक सिंह को व्हाट्सएप पर काल की और उनको आस्ट्रेलिया में रहने वाले रिश्तेदार का नाम बताया।