दक्षिण भारत के राज्यों में वोटर्स के लिए भाषा उनकी गरिमा और अस्मिता की वजह बनती है. हाल ही में कर्नाटक के चुनावों में बीजेपी और नरेंद्र मोदी ने वोटरों के साथ खास कनेक्शन बनाने के लिए कन्नड़ भाषा का सहारा लिया और कन्नड़ नायकों के साथ चुनाव अभियान को जोड़ा गया.