आने जाने वाले लोगों को हो रही है बदबू से परेशानी। संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका

ठंड बढ़ने के साथ लोगों का जनजीवन प्रभावित हो गया है। लेकिन नगर पंचायत दुदही द्वारा लोगों और रात के समय रेलवे स्टेशन दुदही से यात्रा करने वाले लोगों के सहूलियत के लिए अलाव की कोई व्यवस्था नहीं किया गया है। जिससे ठंड के कारण रात के समय यात्री और लोग ठिठुर रहे है।

नगर पंचायत दुदही के वार्ड संख्या 7 सुबाष चन्द्र बोस नगर में नाली निकाल की समुचित व्यवस्था नहीं होने से लोग परेशान हैं और अपने घरों का गंदा पानी सड़कों और आसपास के गढ्ढ़ों में जमा कर रहे है। लेकिन नगर पंचायत प्रशासन इस समस्या से अंजान बना हुआ है। इस टोले पर करीब 500 परिवार निवासरत है। इसके बावजूद जिम्मेदार इनके इस समस्या का समाधान नहीं कर रहे है। लोगों ने मांग किया है कि लोगों की समस्या को देखते हुए नगर पंचायत के जिम्मेदार लोग इस टोले पर नाली निर्माण कराये जिससे लोगों की जलनिकासी की समस्या का समाधान हो सके।

नगर पंचायत दुदही के वार्ड संख्या 7 में कृपा मद्धेशिया के घर से ओमप्रकाश सिंह के घर तक विद्युतीकरण नही होने से 200 परिवारों को बिजली आपूर्ति में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विद्युत विभाग ने इस टोले पर आपूर्ति के लिए विद्युत पोल तो लगवा दिया है लेकिन वर्षों के समय व्यतीत होने के बाद भी विद्युत तारों को लगाकर आपूर्ति शुरु करवाने में असफल है। लोगों ने मांग किया है कि जनहित में जल्द से जल्द लगे विद्युत पोलों पर बिजली आपूर्ति किया जाय।

पडरौना वनरेंज क्षेत्र मे वन माफिया हरे पेड़ों की कटान कराकर इलाके को रेगिस्तान बनाने पर तुले हैं। माफिया खजुरिया गांव मे एक हरे-भरे बाग में कुल्हाडी से काट रहे हैं। माफिया इतने शातिर हैं कि दिन में कटने वाली लकड़ी का रात में टैक्टरो और पिकप में लोडिंग कर खिरकिया बाजार के आरा मशीनों और बाहरी जनपदों में भेज देते है। इस कटान को लेकर क्षेत्रीय पुलिस व वन विभाग जानकर भी अनजान बना हुआ है। पडरौना वनरेंज क्षेत्र में हरे भरे बागों को काटने का मामला कोई नया नहीं है।पिपरा,बभनौली, मैलानगरी के बाद अब माफिया खजुरिया गांव के एक बाग को उजाड़ने में डटे हैं। बाग के हरे-भरे फलदार वृक्षों को जड़ से साफ कर रहे हैं। लकड़ी भी रातों रात साफ कर देते हैं। सबसे अहम बात तो यह है कि वनों की रक्षा करने के लिए बनाया गया महकमा भी इधर आंख मूंदे है।बाग से एक आम व कटहल सहित अन्य पेड़ काटकर रात के अंधेरों मे उठा ले गए हैं और बाकी के पेड़ो का भी कटान के लिए माफिया लगे हुए हैं।क्षेत्रीय पुलिस वनों की कटान को लेकर वन विभाग की दुहाई देकर पल्ला झाड़ लेती है।वन दरोगा आरपी पांडेय ने बताया कि सूचना मिली है,टीम को जांच के लिए भेजा गया है।यदि मामला सही पाया गयाठेकेदार के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

पडरौना तमकुही मुख्य मार्ग पर स्थित सीएचसी दुदही और विकास खण्ड मुख्यालय के सामने सड़क पर स्पीड ब्रेकर का निर्माण नहीं होने से लोग आये दिन दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे है। लोगों ने लैख निर्माण विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से मांग किया है कि सड़क पर स्पीड ब्रेकर बनवाने के साथ विभाग यातायात के पालन और सड़क पर संकेतित चिन्हों को प्रदर्शित करवाये। जिससे दुर्घटना में कमी आ सके।

नगर पंचायत दुदही के कार्यालय से नहर तक बनी नाली पर स्लेप नहीं लगे होने के कारण नाली से दुर्गंध तेजी से फैल रहा है। इससे आसपास के लोग और राहगीर काफी परेशान है। नगर पंचायत के अधिकारी सहित जिले के तमाम जिम्मेदार इस रास्ते से ही नगर पंचायत कार्यालय पर आते जाते है। लेकिन इसके बाद भी इस समस्या के तरफ उनका ध्यान नहीं जाता है।

नगर पंचायत दुदही के ब्लॉक मुख्यालय जाने वाली मुख्य सड़क पर छठ्ठू के मशीन के पास सड़क पर गढ्ढा बने होने से राहगीर इस गढ्ढे में गिरकर घायल हो रहे है। लेकिन नगर पंचायत के जिम्मेदार लोग मुकदर्शक बने हुए है।

दुदही क्षेत्र के बरवापट्टी जाने वाली सड़क गढ्ढे में तब्दील हो गई है। जिससे लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

गांव को स्वच्छ बनाने के लिए कभी ग्राम पंचायत में सफाई कर्मचारियों की सरकार ने नियुक्ति की थी, लेकिन गांव को स्वच्छ रखने की मंशा को अब पलीता लग रहा है। क्योंकि गांव से सफाई कर्मचारी अब नदारद हो चुके हैं। गांव में कूड़े का अंबार लगता जा रहा है।नेबुआ नौरंगिया ब्लाक के सिरसिया कला के विरभान टोला की हालत यही है। यहां पर ग्राम पंचायत में सफाई कर्मचारी तो तैनात हैं, लेकिन वह गांव में सफाई करने के लिए आते ही नहीं हैं।       पीएम मोदी स्वच्छता अभियान को बढ़ावा दे रहे हैं और स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर गांव में तैनात स्वच्छता दूत स्वयं अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। दरअसल, कुछ साल पहले प्रदेश सरकार ने गांव को स्वच्छ रखने को लेकर सफाई कर्मियों की नियुक्ति की थी। इससे सरकार की मंशा साफ थी की सफाई कर्मी गांव में रहकर गांव को स्वच्छ बनाने रखने का काम करेंगे, लेकिन नियुक्ति के बाद कुछ दिन तक तो सफाई कर्मियों ने गांव में काम किया। उसके बाद अचानक गांव से नदारद हो गए।विरभान टोला के किशोर,रामनिवास, गृस,बृजेश,कुमार,हरेंद्र आदि ग्रामीणों ने बताया कि इस टोला में तो सफाईकर्मी आते ही नहीं हैं। गांव वालों को खुद ही सफाई करनी पड़ती है। सफाई कर्मी प्रधान और ब्लॉक कर्मचारियों की मिलीभगत से सेटिंग और गेटिंग के खेल से अब सफाई नहीं करते। फिलहाल जमीनी हकीकत यही है कि सफाई कर्मी अब गांव से नदारद हो चुके हैं। गांव में कूड़े का ढेर लग रहा है। इस संबंध में जिम्मेदारों ने कहा कि अगर किसी गांव से कोई शिकायत आती है तो आरोपी सफाई कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पूरे मामले की जांच भी कराई जाएगी।