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पूर्वांचल के किसान बड़े पैमाने पर पशुओं को भगाने के लिए करते हैं इस जुगाड़ का उपाय।

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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ जीवदास साहू फरस बीन यानि फ्रेंच बीन की खेती की जानकारी दे रहे है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

कृषि के विद्यार्थियों को कृषि अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी

जनपद में बैंकों के उदासीनता के वजह से लाभार्थियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

मिले द्वारा संचालित कांटे पर घाटोली का आरोप लगाकर किया कार्रवाई की मांग

विशुनपुरा ब्लॉक क्षेत्र के नहरों में पानी नहीं आने से धान का बेहन डालने के लिए किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं। किसान परेशान हैं कि यदि नहर में पानी नहीं आया तो समय पर गेंहू का बेहन नहीं डाल पाएंगे। कुछ किसान डीजल पंपसेट के सहारे खेतों की सिचाई कर बेहन डालने की तैयारी में जुट गए हैं। इससे उनपर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। किसानों ने कहा कि डीजल भी काफी महंगा हो गया है। उसके सहारे खेती कर पाना संभव नहीं है। बारिश हो जाती तो खेतों में पानी भर आता और धान का बेहन डालने में मदद मिलती।      किसान धर्मपुर गांव के शैलेश तिवारी ने कहा कि गेहू का बेहन डालने के लिए पंपिग सेट से खेत की सिचाई कर खर- पतवार नाशक दवा का छिड़काव किया गया है। खेत सूख जाने के बाद उसकी जुताई कर दोबारा पानी भर कर गेहू का बेहन डाला जायेगा। अबतक नहरों में पानी नहीं आने से खेतों की सिचाई के लिए अधिकतर किसान पंपिग सेट के सहारे हैं। इस कारण उन्हें खेती करने में आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है।मिठहा माफी के किसान बड़े राय ने कहा कि जल स्तर नीचे खिसक जाने के कारण पंपसेट से पानी निकालना भी मुश्किल हो गया है।पंपिग सेट कम पानी दे रहे है।सरपतही बुजुर्ग गांव के किसान भभीखन कुशवाहा ने कहा कि यदि शासन-प्रशासन नहरों में पानी उपलब्ध करा देता, तो किसानों को महंगे दामों पर खेत की सिचाई करने से राहत मिलती।विंदवलिया गांव निवासी किसान केशव शर्मा ने बताया की जून माह में गेहू का बेहन डालना बेहद मुफीद माना गया है। नहर विभाग की बेरुखी और इंतजाम नाकाफी होने से किसानों को निराश होना पड़ रहा है। 

किसानों के गेहूं तथा सरसों की फसल को चर तथा रौद्र कर कर दे रही है बेकार

तमकुहीराज समाजवादी पार्टी के विधानसभा अध्यक्ष राकेश यादव के अगुवाई में पार्टी कार्यकर्ताओं ने सेवरही शुगर मिल पर किसान विरोधी व्यवस्था लागू करने की मांग को लेकर मोर्चा खोलते हुए तहसील मुख्यालय पर धरना दिया। इसके बाद सपा नेताओं ने नायब तहसीलदार सुनील सिंह को पत्रक सौंपते हुए स्पष्ट किया कि किसानों के हित में शुगर मिल के हिटलरशाही को समाप्त नहीं कराया गया तो समाजवादी पार्टी एक सप्ताह बाद बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होगी। इस दौरान वीएन सिंह कुशवाहा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य अब्दुल मनान, बबलू अली गाजी, प्रदीप यादव, अरविंद कुशवाहा सहित काफी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे।