गांवों में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी आम लोगों पर भारी पड़ती दिख रही है। नेबुआ नौरंगिया विकासं खंड के नेबुआ गांव में बना एएनएम सेंटर अफसरों की लापरवाही की खुद गवाही दे रहा है। ऐसे में वर्ष 2004 मे लाखो रुपये की लागत से बना यह स्वास्थ्य केंद्र वर्तमान में अनुपयोगी बन चुका है। उक्त विकास खंड के नेबुआ गांव में 2004 में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से गांव की गर्भवती और बच्चों के स्वास्थ्य सुविधा व टीकाकरण के लिए लगभग लाखों की लागत से कार्यदायी संस्था द्वारा एएनएम भवन का निर्माण कराया गया था। सेंटर बनाने के पीछे सरकार की मंशा थी कि गांव में रहने वाली गरीब जनता को यहां अधिकांश सुविधाएं मिल जाएंगी और उन्हें दूर तक जाकर परेशान नहीं होना पड़ेगा। भवन में प्रसव कक्ष से लेकर आवासीय कक्ष भी बनाए गए हैं, जिससे की सेंटर पर तैनात एएनएम रात्रि निवास कर सकें। रात में एएनएम के रहने से जनता को तात्कालिक रूप से लाभ भी मिल जाएगा मगर विभागीय उदासीनता के चलते स्वास्थ्य सुविधा के लिए बना सेंटर बदहाल व खंडहर मे तब्दील हो चुका है मगर अफसरों की नजर नहीं पड़ रही है। भवन के चारों तरफ बड़ी-बड़ी झाड़ियां दिखाई दे रही हैं। झाड़-झंखाड़ के चलते अंदर कदम रखना भी मुश्किल है। भवन में खिड़की व दरवाजों का पता नहीं हैं और जलापूर्ति के लिए विभाग की तरफ से लगाई गई टोटियां गायब हो गई हैं। अंदर के कमरों में कभी साफ-सफाई नहीं होने के चलते धूल की मोटी परत जमी हैं और हर तरफ गंदगी ही गंदगी दिख रही है। गांव के मंटू सिंह, अरुण शुक्ल, नरेन्द्र मिश्र, रबीश, सोनू, कचालू, राम सागर, जितेंद्र , सुरेश , मनोज आदि का कहना था कि जबसे सेंटर बना है तब से लेकर अब तक यहां स्वास्थ्य विभाग का कोई भी कर्मचारी नहीं आया। कभी-कभार एएनएम गांव में आती भी हैं तो किसी के घर बैठकर चली जाती हैं। बच्चों के टीकाकरण व प्रसव की समस्या आने पर गांव के लोगों को शहर जाना पड़ता है। इस सम्बंध मे मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि एएनएम सेंटर पर स्वास्थ्य कर्मियों को रात्रि निवास का आदेश दिया गया है। जर्जर हालात के बारे में जानकारी नहीं है। ठीक कराने का प्रयास किया जाएगा।

आपको बतादे की पटहेरवा थाना क्षेत्र के गांव पुरैना कटेया निवासी रंजीत आर्य पुत्र राजकेवल आर्य उम्र 20 वर्ष अपने खेत मे कीटनाशक का छिड़काव कर रहा था। इसी दौरान कीटनाशक उसके शरीर में प्रवेश कर गया। जिससे वह अचेत होकर गिर पड़ा और उसके मुंह से झाग निकलने लगा। परिजन उसे तत्काल सीएचसी तमकुही लाये, जहां चिकित्सकों ने उसका प्राथमिक उपचार करने के बाद उसके गम्भीर स्थिति को देखते हुए उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया हैं।

कुशीनगर जिले के हाटा कोतवाली क्षेत्र के नेशनल हाईवे 28 हेतिमपुर चौराहे की घटना

नगर पंचायत दुदही के वार्ड संख्या 8 भदर कोटेदार के मोहल्ले में विद्युत पोल नहीं होने से मोहल्लेवासियों को विद्युत आपूर्ति में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने जिम्मेदारों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए जनहित में विद्युत पोल लगवाने की मांग किया है।

कुशीनगर जिले के खंड विकास कार्यालय सुकरौली गेट के सामने नेशनल हाईवे के सर्विस रोड पर गंदे पानी का जल जमाव है ।इसी रास्ते से होकर अधिकारी, कर्मचारी तथा लोग अपने कार्यों के लिए खंड विकास कार्यालय पर जाते हैं

कुशीनगर जिले के हाटा विधानसभा में खोट्ठा गांव से टिन्हवा को जाने वाले मार्ग पर ठेकेदार द्वारा कई महीनों से गिट्टी गिरा कर छोड़ा दिया गया है ।लोगों को आने जाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

अंत्येष्टि स्थल के अगल-बगल है गंदगी का अम्बार। बरसात के दिनों में हो जाता है जल जमाव। बदबू भरे वातावरण में लोग अंत्येष्टि का अंतिम संस्कार करने को होते हैं मजबूर

तमकुहीराज तहसील के विकास खण्ड तमकुही, सेवरही व दुदही के विभिन्न गांव के सैकड़ों लोगों के राशनकार्ड में अंकित परिवार के लोगों का नाम अचानक कट जाने से लोग अचंभित हो गये। आज काफी संख्या में लोग तमकुहीराज तहसील परिसर में स्थित क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी के कार्यालय पहुँच अपनी शिकायत दर्ज कराई और कटे हुए नामों को जोड़ने का आग्रह किया

महंथ मेमोरियल इंटरमीडिएट कालेज पांडेयपुर उर्फ बसंतपुर के गेट पर पीडब्लूडी की ओर से पत्थर का ढेर लगा दिया गया है। जिससे आएदिन बच्चों को चोट लग रही है ।अभिभावकों ने चिंता जाहिर करते हुए जिम्मेदारों से तत्काल पत्थर हटाने की मांग की है।

तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के एपी तटबंध एवं बिरवट कोहवलिया से बांक खास, सिसवा नहर तक अवैध रूप से खनन कर ट्रकों से ले जाई जा रही बालू से ट्रकों की लंबी लाइन से सड़क पर लंबी जाम लग रही हैं, जिससे आम लोगों एवं राहगीरों को इस मार्ग से गुजरना काफी महंगा साबित हो रहा हैं। यह स्थिति प्रतिदिन की हैं जीससे किसानों को खेती के काम के लिए कृषि यंत्रों, ट्रैक्टर आदि को ले जाने में दिक्कतें हो रही और काफी समय लग रहा। स्थानीय लोगों की माने तो खनन के लिए जिस भूमि का पट्टा हुआ हैं वह नदी के अंदर हैं, लेकिन खनन माफिया दूसरी जगह खनन करा रहे। इतना ही नहीं इन ट्रकों के आने जाने से ग्रामीण सड़के टूट रही हैं।