फसल सुरक्षा अंतर्गत आलू एवं तिलहनी फसलों में बचाव हेतु एडवाइजरी जारी। समस्या के समाधान हेतु व्हाट्सएप नंबर जारी, 48 घंटे में होगा निराकरण जिला कृषि रक्षा अधिकारी डा० मेनका ने सभी किसान भाइयों को अवगत कराया है कि जनपद में गिरते हुए तापमान के साथ-साथ आर्द्रता बढ़ने के कारण रबी की फसलों में कीट/रोग के प्रकोप की सम्भावना बढ़ गयी है, ऐसी दशा में आलू में पछेती झुलसा, तिलहनी फसलों में मांहूँ एवं पाला से फसलों के प्रभावित होने की सम्भावना है। उन्होंने बताया की *आलू में पछेती झुलसा के प्रकोप से बचाव हेतु* मैंकोजेब 75 प्रति० डब्लू०पी० 600 से 800 ग्राम अथवा कापरआक्सीक्लोराइड 50 प्रति० 300 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ की दर से 300 लीटर पानी में घोलकर किसान भाई सुरक्षात्मक छिड़काव करें तथा *तिलहनी फसलों में माहूँ के प्रकोप* की दशा में एजाडिरेक्टिन (नीम आयल) 0.15 प्रति० ई०सी० 2-5 मि०ली० प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव कर सकते है और रासायनिक नियंत्रण हेतु डाइमेथोएट 30 प्रति० ई०सी० 265 मि0ली0 प्रति एकड की दर से 200-400 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव कर सकते है तथा जिन क्षेत्रों में तापमान में भारी गिरावट हो रही है वहां पाले से बचाव हेतु खेत में हल्की सिंचाई करें, खेतों के चारों ओर धुंआ कर एवं नर्सरी के पौधों के बचाव हेतु पालीथीन या पुवाल से ढककर रखें। फसलो में लगने वाले कीट/रोग एवं खरपतवार की समस्या के निवारण हेतु किसान साथी वाट्सएप न० 9452247111 अथवा 9452257111 पर प्रभावित पौधों की फोटो सहित अपनी समस्या और पूरा पता लिखकर प्रेषित कर सकते है। समस्या का निराकरण 48 घंटे में किसान के मोबाइल पर कर दिया जायेगा।