गांव को स्वच्छ बनाने के लिए कभी ग्राम पंचायत में सफाई कर्मचारियों की सरकार ने नियुक्ति की थी, लेकिन गांव को स्वच्छ रखने की मंशा को अब पलीता लग रहा है। क्योंकि गांव से सफाई कर्मचारी अब नदारद हो चुके हैं। गांव में कूड़े का अंबार लगता जा रहा है।नेबुआ नौरंगिया ब्लाक के सिरसिया कला के विरभान टोला की हालत यही है। यहां पर ग्राम पंचायत में सफाई कर्मचारी तो तैनात हैं, लेकिन वह गांव में सफाई करने के लिए आते ही नहीं हैं।       पीएम मोदी स्वच्छता अभियान को बढ़ावा दे रहे हैं और स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर गांव में तैनात स्वच्छता दूत स्वयं अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। दरअसल, कुछ साल पहले प्रदेश सरकार ने गांव को स्वच्छ रखने को लेकर सफाई कर्मियों की नियुक्ति की थी। इससे सरकार की मंशा साफ थी की सफाई कर्मी गांव में रहकर गांव को स्वच्छ बनाने रखने का काम करेंगे, लेकिन नियुक्ति के बाद कुछ दिन तक तो सफाई कर्मियों ने गांव में काम किया। उसके बाद अचानक गांव से नदारद हो गए।विरभान टोला के किशोर,रामनिवास, गृस,बृजेश,कुमार,हरेंद्र आदि ग्रामीणों ने बताया कि इस टोला में तो सफाईकर्मी आते ही नहीं हैं। गांव वालों को खुद ही सफाई करनी पड़ती है। सफाई कर्मी प्रधान और ब्लॉक कर्मचारियों की मिलीभगत से सेटिंग और गेटिंग के खेल से अब सफाई नहीं करते। फिलहाल जमीनी हकीकत यही है कि सफाई कर्मी अब गांव से नदारद हो चुके हैं। गांव में कूड़े का ढेर लग रहा है। इस संबंध में जिम्मेदारों ने कहा कि अगर किसी गांव से कोई शिकायत आती है तो आरोपी सफाई कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पूरे मामले की जांच भी कराई जाएगी।