उत्तरप्रदेश राज्य के कुशीनगर में कार्तिक पूर्णिमा पर नेपाल की पहाड़ियों से यूपी-बिहार की सीमा में बहने वाली बांसी नदी पर दोनों प्रान्तों से लाखों श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बाँसी नदी में एक डुबकी लगाने से काशी में सौ बार जाकर स्नान-ध्यान करने का लाभ मिलता है। श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए योगी सरकार व क्षेत्रीय विधायक ने घाट पर लोगो के लिए निशुल्क भोजन और ठहरने की व्यवस्था भी कराई है। वही सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस भी चौकस है पर कुशीनगर जिला अबकारी विभाग की मेहरबानी से इस पवित्र मेले में दश बजे के बाद भी शराब की बिक्री बड़े पैमाने पर कराई। *भगवान राम की बारात से लौटने पर यही रुकी थी* उत्तर प्रदेश के काशी में अपने जीवन के अंतिम दिन बिताने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहां नदी में स्नान करने से व्यक्ति पुण्य का भागीदार होता, जीवन के समस्त अवरोधों से मुक्ति मिलती। लेकिन कुशीनगर जिले से होकर बहने वाली बॉसी नदी में ये मान्यता काफी लम्बे समय से चली आ रही है कि सौ बार काशी के बराबर एक बार बॉसी का स्नान करने से पुण्य मिलता है। कुशीनगर जिले के जंगल सिंघापट्टी गांव से होकर गुजरने वाली बांसी नदी के किनारे भगवान राम ने माता सीता और बारातियों संग रात बिताई थी।मान्यता के मुताबिक भगवान राम ने त्रेता युग में जनकपुर में माता सीता से विवाह के बाद अयोध्या के लिए रुख किया था। बांसी पहुंचते-पहुंचते दिन ढलने लगा था। देवरण्य क्षेत्र में रूप में प्रसिद्ध यह जगह जंगलों से घिरा था और जंगली जानवरों का बसेरा था। वे खुले रूप से विचरण करते थे। इस वजह से भगवान राम की बारात से लौटने वालों की सुरक्षा में वजह से बारात यहीं रुक गयी। रात्रि विश्राम किया। सुबह बांसी में भगवान श्रीराम ने स्नान भी किया था फिर बांसी नदी तट पर रात्रि विश्राम के बाद सुबह स्नान पश्चात उन्होंने शिवलिंग बना पूजा की। घने जंगल मे स्थापित इस पिंडी के बारे में जानने वाले स्थानीय लोगों ने यहां पूजन-अर्चन शुरू कर दी थी। अब यहां आने वाला हर श्रद्धालु बांसीघाट स्थित इस शिव मंदिर में पूजन-अर्चन किये बगैर नहीं लौटता। इस मान्यता को मानते हुए कई प्रदेशों से श्रद्धालु कुशीनगर व बिहार के बॉर्डर पर स्थित बांसी आते। कार्तिक पूर्णिमा पर लाखो की संख्या में लोग बांसी नदी में स्नान करके मेले में लोग पूजा पाठ करते है। बांसी का यह क्षेत्र भगवान राम और उनसे जुड़े संस्मरण विभिन्न समय, काल और स्थान से जुड़ा है। इसलिए पवित्र मेंले में दूर दराज से आये श्रद्धालुओं के लिए योगी सरकार और क्षेत्रीय विधायक ने निःशुल्क रहने की व्यवस्था और भण्डारा का प्राविधान किया गया। लेकिन इस पवित्र बांसी नदी में कार्तिक पूर्णिमा के स्नान में आये यूपी बिहार के श्रद्धालुओं के बीच बियर के ठेके खोलकर बिक्री कराई गया तो वही खिरकिया में स्थित देशी शराब की दुकान में ओवररेटिंग के साथ रात भर शराब बेची गयी। जहां बासी स्नान के बाद दान करने का काफी महत्व है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक उत्तर प्रदेश-बिहार राज्य की सीमा पर स्थित सुबह स्नान के बाद भगवान श्रीराम शिव की आराधना करते हैं। लोग भी उसी श्रद्धा और परम्परा को मानते पर आबकारी अधिकारी की सह पर पुलिस के ही सामने अधिक रेट पर श्रद्धालुओं को शराब पिलाई गयी। *दिखाने के लिए कुछ समय रुकी बिक्री फिर जस का तस* जब मोबाइल वाणी ने कुशीनगर आबकारी अधिकारी ज्ञानेंद्र पाण्डेय से बात की तो उन्होंने मामले से खुद को अनभिज्ञ बताते हुए। इंस्पेक्टर को भेज दिखाने का रटा रटाया बयान दिया। जिसके बाद 20 मिनट के अंतराल बाद ही फिर बिक्री शुरू कर दी गयी।