समाज कि लड़ाई लड़ने वाले लोगों के आदर्श कितने खोखले और सतही हैं, कि जिसे बनाने में उनकी सालों की मेहनत लगी होती है, उसे यह लोग छोटे से फाएदे के लिए कैसे खत्म करते हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब कोई प्रभावशाली व्यक्ति ने इस तरह काम किया हो, नेताओं द्वारा तो अक्सर ही यह किया जाता रहा है। हरियाणा के ऐसे ही एक नेता के लिए ‘आया राम गया राम का’ जुमला तक बन चुका है। दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं? आपको क्या लगता है कि हमें अपने हक की लड़ाई कैसे लड़नी चाहिए, क्या इसके लिए किसी की जरूरत है जो रास्ता दिखाने का काम करे? आप इस तरह की घटनाओं को किस तरह से देखते हैं, इस मसले पर आप क्या सोचते हैं?

भारत में जहां 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव हो रहे हैं। इन चुनावों में एक तरफ राजनीतिक दल हैं जो सत्ता में आने के लिए मतदाताओं से उनका जीवन बेहतर बनाने के तमाम वादे कर रहे हैं, दूसरी तरफ मतदाता हैं जिनसे पूछा ही नहीं जा रहा है कि वास्तव में उन्हें क्या चाहिए। राजनीतिक दलों ने भले ही मतदाताओं को उनके हाल पर छोड़ दिया हो लेकिन अलग-अलग समुदायो से आने वाले महिला समूहों ने गांव, जिला और राज्य स्तर पर चुनाव में भाग ले रहे राजनीतिर दलों के साथ साझा करने के लिए घोषणापत्र तैयार किया है। इन समूहों में घुमंतू जनजातियों की महिलाओं से लेकर गन्ना काटने वालों सहित, छोटे सामाजिक और श्रमिक समूह मौजूदा चुनाव लड़ रहे राजनेताओं और पार्टियों के सामने अपनी मांगों का घोषणा पत्र पेश कर रहे हैं। क्या है उनकी मांगे ? जानने के लिए इस ऑडियो को सुने

जालौन में 22 नवंबर को उरई के राजकीय मेडिकल कॉलेज के ऑडोटोरियम में नेशनल एससी-एसटी हब कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भारत सरकार के सूक्ष्म एवं उद्यम, मध्यम राज्य मंत्री भानु प्रताप वर्मा तथा उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म एवं उद्यम मध्यम कैबिनेट मंत्री राकेश सचान मौजूद रहेंगे। इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को उद्यम क्षेत्र में बढ़ावा देना है, जिससे आगे चलकर अपना उद्योग स्थापित कर सकें, इस कॉन्क्लेव में भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की कई सरकारी कंपनियां शामिल होंगी जो एससी एसटी के लोगों को प्रोत्साहित करेंगे। इसकी जानकारी सूक्ष्म एवं उद्यम मध्य विभाग के सीनियर जनरल मैनेजर के के शर्मा ने दी है। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि झलकारी बाई की जयंती पर नेशनल एससी स्ट हब परिसर का आयोजन किया जाएगा उत्तर प्रदेश में एससी एसटी उद्यमियों के लिए उद्यमशीलता और व्यापार के अफसर को बढ़ावा देने एवं मंत्रालय की अन्य योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाना इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य है। उन्होंने अवगत कराते हुए बताया कि रोजगार सृजन और आजीविका में सुधार के मामले में एमएसएमई क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इस क्षेत्र में 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देने वाली 6 करोड़ से अधिक इकाइयां है, जो सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30% योगदान और भारत में कुल निर्यात का 45 से अधिक के साथ आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती है। भारत सरकार एमएसएमई को सतत विकास और सशक्त बनाने और वैश्विक मूल श्रृंखला में अनुकूलन बनाने में लगातार काम कर रही है, इसी के तहत एससी-एसटी को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को प्रोत्साहित करना है, वहीं उन्होंने कहा कि 22 नवंबर को इसमें आगरा, मेरठ, नोएडा, कानपुर, झांसी से भी कंपनियां शामिल होंगी तथा जैम पोर्टल के माध्यम से लोगों को रजिस्ट्रेशन भी कराया जाएगा। इस दौरान उरई में एक कार्यालय का भी शुभारंभ किया जाएगा, इस दौरान संजय रौतेला, पुष्पेंद्र सूर्यवंशी, पवन कुमार गुप्ता, अभिनव त्रिपाठी मौजूद रहे।