जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

कोरोना वायरस को लेकर अपर सीएमओ ने सीएचसी कोंच पर मॉक ड्रिल पर पहुँचे जहाँ उन्होंने वहां का निरीक्षण कर ब्यबस्थाए भी देखी।

कोंच नदीगांव विकास खण्ड के ग्राम खोहा में सफाई कर्मी ना आने से गांव में फैल रही है गंदगी वही नालिया सफाई नहीं होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है और बीमारियां भी पनप रही है करो कई बार शिकायत करने के बाद भी गांव में सफाई कर्मी द्वारा जगह-जगह सफाई न करने रोड चल रहा है पानी वही इस सम्बन्ध में एसडीओ पंचायत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जानकारी मिली है जल्दी ही गांव में सफाई व्यवस्था की जायेगी

दैनिक जागरण बिहार की मई 2023 की रिपोर्ट के अनुसार नरपतगंज प्रखंड से सटे सुपौल जिला के छातापुर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय ठूठी में सोमवार को एमडीएम परोसने के क्रम में बच्चों के भोजन में मरी हुई छिपकली मिली, जिसके बाद बच्चों व गांव वालों में हड़कंप मच गया। लेकिन क्या ये हड़कंप हमारा अपने जन प्रतिनिधियों के सामने झलकता है ? जिस पन्ना ज़िले के स्कुल में 40 बच्चे बीमार हो गए , क्या वोट देते समय हम ये बात सोचते है? नहीं .. बिलकुल भी नहीं सोचते। क्योंकि हम एक वोट देने की मशीन में ढल चुके है। कुछ लोग इसे मेरी ही मूर्खता करार देंगे कि मध्यान भोजन के लिए हम नेताओ को दोष क्यों दें ? लेकिन सच ये है कि जब तक कोई घटना हमारे या हमारे अपनों के साथ नहीं घटती , तब तक हम राजनितिक पार्टियों की चाटुकारिता में लगे रहते है। लोग आपको ही बार बार समझायेंगे कि हमें इन सभी पचड़ों में नहीं पड़ना चाहिए। दोस्तों, अपने देश, समाज और बच्चों के भविष्य को बदलने के लिए किसी न किसी को शुरुआत करनी पड़ेगी और वह शुरुआत स्वयं से ही होगी, इसके बाद अन्य समाज के लोगों का साथ मिलता चला जाएगा। तब तक आप हमें बताइए कि * ------ आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की स्थिति क्या है ? *------- आपने क्षेत्र या गाँव के सरकारी स्कूलों में बच्चों को कैसा पौष्टिक खाना मिलता है क्या ? आपके अनुसार बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन का क्या मतलब है ? *------ साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।

सूरज ज्ञान महाविद्यालय कोंच में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।गोष्ठी की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ वीरेंद्र बोहरे ने की।संचालन कार्यक्रम अधिकारी द्वितीय रोहित राठौर ने किया।मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ आशुतोष मिश्रा उपस्थित रहे।

शर्म को ज़रा किनारे करके अपने बच्चों को AIDS के बारे में विस्तार से बताएं ताकि वो इस खतरनाक बीमारी से सुरक्षित रहे। साथियो अगर आप भी एड्स से जुडी कोई जानकारी हमसे साझा करना चाहते हैं तो फ़ोन में अभी दबाएं नंबर 3 का बटन और रिकॉर्ड करें अपनी बात।

आदित्य शुक्ल हिन्दुस्तानी, संवाददाता कुठौंद जालौन डिप्टी कलेक्टर प्रशिक्षु खण्ड विकास अधिकारी राहुल द्विवेदी ने बुधवार को विकास खण्ड कार्यालय पर कर्मचारियों संग साप्ताहिक की। जिसमे विकास कार्यों और शासन से संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की। बैठक ने गोशालाओं के गोवंशों के संरक्षण और सर्दी से बचाव हेतु इंतजामात के निर्देश भी दिए। जिसके तत्पश्चात अस्थाई गोशालाओं के निरीक्षण हेतु ग्राम पंचायतों में पहुंच गए। ग्राम पंचायत सिरसा कलार, सिहारी चैलापुर तथा कैंथवां गोशाला का निरीक्षण किया। अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल निरीक्षण के दौरान खामियां ही खामियां मिली। अधिकांश पशु बेहद कमजोर मिले, पशुओं को हरा चारा मिक्स चारे के बजाय सूखा भूसा ही दिया जा रहा था। जिसके संबंध में डिप्टी कलेक्टर प्रशिक्षु खण्ड विकास अधिकारी राहुल द्विवेदी ने बताया कि वर्तमान में सिरसा कलार गोशाला में 150, सिहारी चैलापुर में 40 के करीब तथा कैंथवां में 50 से अधिक गोवंश संरक्षित पाए गए। इनमें अधिकांश पशु कमजोर हैं। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि गोशालाओं पर समुचित ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके लिए संबंधित सचिवों के विरुद्ध कार्यवाही अमल में लाई जा रही है।

दीपावली दियों से या धमाकों से? अबकि दीवाली पर हमें यह सोचना ही होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे शहरों की हवा हमारे इस उत्साह को शायद और नहीं झेल पा रही है। हवा इतनी खराब है कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। भारत की राजधानी दिल्ली इस मामले में कुछ ज्यादा बदनाम है। दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित जगहों में शामिल दिल्ली में प्रदूषण इतना अधिक है कि लोगों का रहना भी यहां दूभर हो रहा है।

चलिए सुनते हैं बच्चों के शारीरिक इशारों से जुड़ी भाषा। जानते हैं, माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए बच्चों के इशारों को समझना बहुत ज़रूरी है। कार्यक्रम सुनिए और बताइए,आप अपने छोटे बच्चे के इशारों से उसकी ज़रूरत को कैसे समझते हैं? अपने नन्हे-मुन्नों की बातें रिकॉर्ड कीजिये, फ़ोन में नंबर 3 दबाकर।

दोस्तों किसी शायर ने क्या खूब कहा है? न रोने की वजह थी, न था हंसने का बहाना. खेल खेल में कितना कुछ सीखा, कितना प्यारा था वो बचपन का ज़माना. काश, लौट आए फिर से वो कल सुकून भरा बचपन मनाएं हर पल. सच में कितने मज़ेदार थे ना वह बचपन के दिन? चलिए एक बार फिर से उन्हीं दिनों को जीने की कोशिश करते हैं अपने बच्चों के संग उनके बचपन को एक त्यौहार की तरह मनाते हुए हंसते हुए, खेलते हुए, शोर मचाते बन जाते हैं उनके दोस्त और जानने की कोशिश करते हैं इस बड़ी सी दुनिया को उनकी नन्ही आंखों से और बचपन के उन प्यारे जनों को याद करने में आपका साथ देंगे बचपन बनाओ और मोबाइल वाणी की टीम .घर और परिवार ही बच्चों का पहला स्कूल है और माता पिता दादा दादी और अन्य सदस्य होते हैं उनके दोस्त और टीचर हो. साथ में ये भी कि बच्चों के दिमाग का पचासी प्रतिशत से अधिक विकास छह वर्ष की आयु तक हो जाता है. तो अगर ये कीमती साथ हमने गवा दिए. तो उनके भविष्य को उज्जवल बनाने का मौका हम खो देंगे. अब यह सब कैसे सही रखें? इसके लिए आपको सुनने होंगे हमारे आने वाले एपिसोड तब तक आप हमें बता सकते हैं कि किस तरह के देखभाल से बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास सही रह सकता है. इससे जुड़ा अगर आपका कोई सवाल है या कोई जानकारी देना चाहते हैं तो रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नंबर 3 . सुनते रहिए कार्यक्रम बचपन मनाओ, बढ़ते जाओ.