उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लैंगिंग असमानता एक सामाजिक और मानसिक चुनौती है जिसका सामना हमारा समाज कर रहा है। यह असमानता न केवल व्यक्तिगत स्तर पर है, बल्कि पूरी दुनिया में इसकी व्यापकता के कारण समाज की एक अस्थायी समस्या बन गई है। लैंगांग मान्यताओं से प्रभावित महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक असमानताओं का सामना करना पड़ता है। लैंगांग मानवाधिकारों की उपेक्षा और अधिकारों के प्रतिबंध इसे और भी गंभीर बनाते हैं। इस समस्या का समाधान केवल साक्षरता और शिक्षा नहीं है, बल्कि समाज में जागरूकता और समर्थन के लिए समर्पित प्रयासों की आवश्यकता है। सामाजिक उद्यमों के माध्यम से भाषाई असमानता का मुकाबला किया जा सकता है और इसे समाज के हर वर्ग में जागरूकता और समर्थन के साथ संबोधित किया जाना चाहिए ताकि हम एक समाधि बन सकें।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि असमानता महिलाओं की शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवाओं और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में स्पष्ट रूप से देखी जाती है। शिक्षा क्षेत्र में कई स्थानों पर लड़कियों को उचित शिक्षा से वंचित किया जाता है, जो उनके जीवन की गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। नौकरी में महिलाओं को समान काम के लिए समान वेतन नहीं मिलता है और अक्सर उन्हें अधिक वेतन मिलता है। स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को लंबा होने के रूप में भी देखा जा सकता है जहाँ महिलाओं को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँचने में कठिनाई होती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को सम्मान मिलना चाहिए, महिलाओं का सम्मान समाज की प्रगति और विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। चाहे वह घर की देखभाल करना हो, बच्चों की परवरिश करना हो, या पेशेवर क्षेत्र में उनकी भागीदारी हो, महिलाओं का समाज में महत्वपूर्ण योगदान है। इससे वे समाज को सकारात्मक दिशा में ले जाने के लिए अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सकते हैं और जब महिलाओं का सम्मान किया जाता है, तो वे शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का बेहतर लाभ उठा सकते हैं जो उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करते हैं। सम्मानित महिलाएं न केवल परिवार का समर्थन करती हैं बल्कि समाज के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, इसके अलावा, महिलाओं को सम्मानित करने से हिंसा और भेदभाव की घटनाओं में कमी आती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को शिक्षित होने की आवश्यकता है महिलाओं के लिए शिक्षित होना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। शिक्षा महिलाओं को आत्मनिर्भर भी बनाती है ताकि वे अपने जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय ले सकें और आत्मसम्मान का विकास कर सकें। वे निर्माण करते हैं क्योंकि वे स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता के महत्व को समझते हैं और उनका पालन करते हैं। शिक्षा के माध्यम से, महिलाएं आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त कर सकती हैं जिससे परिवार की आय में वृद्धि होती है। गरीबी का चक्र टूट गया है। शिक्षित महिलाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकते हैं और वे उद्यमिता की दिशा में भी कदम उठा सकती हैं। इसके अलावा, वे बच्चों की शिक्षा और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को अपना अधिकार मिलना चाहिए। महिलाओं को समाज में उनका स्थान और अधिकार सुनिश्चित करने चाहिए समाज का समान और न्यायसंगत विकास तभी महत्वपूर्ण है जब महिलाओं को उनके मौलिक अधिकार मिलें। भविष्य में उन्हें आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता के समान अधिकार भी होने चाहिए। महिलाओं को समाज में सम्मानित और सुरक्षित महसूस कराने के लिए सख्त कानून और नीतियां बनाने की आवश्यकता है। महिलाओं को समाज के निर्णय लेने के पदों में भाग लेने का पूरा अधिकार होना चाहिए ताकि वे समाज की निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में प्रतिनिधित्व कर सकें और समाज में महिलाओं की समानता, स्वतंत्रता और सशक्तिकरण के लिए लड़ सकें।

हमारे देश में सभी को शिक्षा का अधिकार है लेकिन लड़कियों को इसके लिए कहीं अधिक संघर्ष करना पड़ता है। कई बार घर के काम के बोझ के साथ स्कूल के बस्ते का बोझ उठाना पड़ता है तो कभी लोगों की गंदी नज़रों से बच-बचा के स्कूल का सफर तय करना पड़ता है। जैसे-तैसे स्कूल पहुंचने के बाद भी यौन शोषण और भावनात्मक शोषण की अलग चुनौती है जो रोज़ाना उनके धैर्य और हिम्मत की परीक्षा लेती है। ऐसे में लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के साथ साथ समाज की भी है। तब तक आप हमें बताइए कि * -----लड़कियों के स्कुल छोड़ने के या पढ़ाई पूरी ना कर पाने के आपको और क्या कारण नज़र आते है ? * -----आपके हिसाब से हमें सामाजिक रूप से क्या क्या बदलाव करने की ज़रूरत है , जिससे लड़कियों की शिक्षा अधूरी न रह पाए।

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