उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लैंगिंग असमानता एक सामाजिक और मानसिक चुनौती है जिसका सामना हमारा समाज कर रहा है। यह असमानता न केवल व्यक्तिगत स्तर पर है, बल्कि पूरी दुनिया में इसकी व्यापकता के कारण समाज की एक अस्थायी समस्या बन गई है। लैंगांग मान्यताओं से प्रभावित महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक असमानताओं का सामना करना पड़ता है। लैंगांग मानवाधिकारों की उपेक्षा और अधिकारों के प्रतिबंध इसे और भी गंभीर बनाते हैं। इस समस्या का समाधान केवल साक्षरता और शिक्षा नहीं है, बल्कि समाज में जागरूकता और समर्थन के लिए समर्पित प्रयासों की आवश्यकता है। सामाजिक उद्यमों के माध्यम से भाषाई असमानता का मुकाबला किया जा सकता है और इसे समाज के हर वर्ग में जागरूकता और समर्थन के साथ संबोधित किया जाना चाहिए ताकि हम एक समाधि बन सकें।