उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अर्जुन त्रिपाठी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि आज के समय में आत्महत्या एक मानसिक बीमारी की तरह हो गई है । किसी कारण से बच्चों की संख्या में कमी आई है । बच्चों में किसी न किसी तरह की मानसिकता रही है । परिवार में किसी तरह की कलह हो गई है । किसी तरह की लड़ाई हुई है । लोगों में एक मानसिकता रही है , लेकिन यह पूरी तरह से गलत है । हमें इसके बारे में सोचना चाहिए , हमें अपनी मानसिकता को थोड़ा बदलना चाहिए ताकि हम लोगों पर किसी भी तरह का दबाव न डालें , अगर हमारे बच्चे पढ़ने में थोड़े कमजोर हैं तो हम उन पर वह दबाव न डालें । कि हमें इतनी सारी संख्याओं की आवश्यकता है , ठीक है , आपका बच्चा नब्बे संख्याओं के साथ नहीं आ पा रहा है , शायद आप उसे थोड़े प्यार से समझा सकते हैं , शायद उसके पास सत्तर संख्याएँ हैं , कभी - कभी ऐसा होता है कि जिसने अध्ययन किया है वह भी अच्छा है । वह डर में रहता है और अचानक उसके दिमाग से निकल जाता है कि इस सवाल का जवाब क्या होगा , कभी - कभी पेपर उसे इतना मुश्किल लगता है कि वह पेपर ठीक से नहीं कर पाता है । यदि आप चीजों में कमजोर हैं , तो आप उसे प्रोत्साहित करते हैं , अगली बार उसके अच्छे अंक आएंगे ।