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डीएसएम लायंस पब्लिक स्कूल स्वीप वालंटियर्स को आस्कर अवार्ड के लिए नामित विक्रम मैसी की फिल्म ट्वेल्थ फेल दिखाई गई।फिल्म ट्वेल्थ फेल एक आईपीएस ऑफिसर के संघर्ष पूर्ण जीवन की कहानी है।जो इंटर में फेल होने का बावजूद हिम्मत नहीं हारा।एसडीएम अंशिका दीक्षित ने फिल्म का टिकट छात्र अनुराग, अनन्या,केशव कुमार,शालनी कुमारी समेत छात्र छात्राओं को सौपा।

दैनिक जागरण बिहार की मई 2023 की रिपोर्ट के अनुसार नरपतगंज प्रखंड से सटे सुपौल जिला के छातापुर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय ठूठी में सोमवार को एमडीएम परोसने के क्रम में बच्चों के भोजन में मरी हुई छिपकली मिली, जिसके बाद बच्चों व गांव वालों में हड़कंप मच गया। लेकिन क्या ये हड़कंप हमारा अपने जन प्रतिनिधियों के सामने झलकता है ? जिस पन्ना ज़िले के स्कुल में 40 बच्चे बीमार हो गए , क्या वोट देते समय हम ये बात सोचते है? नहीं .. बिलकुल भी नहीं सोचते। क्योंकि हम एक वोट देने की मशीन में ढल चुके है। कुछ लोग इसे मेरी ही मूर्खता करार देंगे कि मध्यान भोजन के लिए हम नेताओ को दोष क्यों दें ? लेकिन सच ये है कि जब तक कोई घटना हमारे या हमारे अपनों के साथ नहीं घटती , तब तक हम राजनितिक पार्टियों की चाटुकारिता में लगे रहते है। लोग आपको ही बार बार समझायेंगे कि हमें इन सभी पचड़ों में नहीं पड़ना चाहिए। दोस्तों, अपने देश, समाज और बच्चों के भविष्य को बदलने के लिए किसी न किसी को शुरुआत करनी पड़ेगी और वह शुरुआत स्वयं से ही होगी, इसके बाद अन्य समाज के लोगों का साथ मिलता चला जाएगा। तब तक आप हमें बताइए कि * ------ आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की स्थिति क्या है ? *------- आपने क्षेत्र या गाँव के सरकारी स्कूलों में बच्चों को कैसा पौष्टिक खाना मिलता है क्या ? आपके अनुसार बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन का क्या मतलब है ? *------ साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।

अयोध्या।जिले में परिषदीय स्कूलों में बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं व पढ़ाई की जांच के लिए राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद के निर्देश पर जिला व ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है। शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभागों के अधिकारियों को स्कूलों का निरीक्षण करने की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन टास्क फोर्स निष्क्रिय बनी हुई है।

हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए अयोध्या जिले की दो केंद्रों को डिबार घोषित किया गया है

जिले में कुल 1792 परिषदीय स्कूल हैं। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दिए जाने वाले मिड डे मील समेत अन्य सुविधाओं व बच्चों व शिक्षकों की उपस्थिति की जांच की जानी है। इसके लिए डीएम के निर्देश पर जिला व ब्लॉक स्तर पर टास्क फोर्स की टीम गठित की गई है। टीमों को प्रत्येक माह पांच-पांच स्कूलों की जांच करनी है। इसके बाद प्रेरणा पोर्टल पर उसकी रिपोर्ट दर्ज करनी है। 

देश को अंतराष्ट्रीय मंच पर लाने के लिए ,देश को खुशहाल और समृद्धशाली बनाने के लिए सभी नवजवानों को आगे आना होगा और रुदौली को मतदान में नंबर वन बनाना होगा यह विचार रुदौली एस डी एम अंशिका दीक्षित ने और डिस्ट्रिक्ट स्वीप आइकॉन निहाल रजा ने डी एस एम लायंस पब्लिक स्कूल के प्रांगण में आयोजित भव्य स्वीप मेले के उद्घाटन में कही।

दोस्तों , MDM या मध्याह्न भोजन योजना को दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल फीडिंग प्रोग्राम माना जाता है। इस योजना के तहत प्राथमिक स्तर पर प्रत्येक बच्चे के लिए 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन और उच्च प्राथमिक स्तर पर 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन वाला मध्याह्न भोजन दिया जाता है। लेकिन ये तो सरकार के वेबसाइट और कार्यक्रम में सुनने में अच्छा लगता है। आज भी कई जगहों पर हकीकत कुछ और ही है। हमारे समाज में वैसे सामाजिक संस्कार पल बढ़ रहे हैं जिनका सही तरह के सवाल पूछने से कोई लेना देना नहीं हो रहा है। हमारे समाज का लोकतंत्र ऐसी बेकार की बातों से सड़ रहा है। लोगों में नागरिकता का एहसास पैदा नहीं किया जा रहा है। उन्हें नहीं बताया जा रहा है कि वह तभी ठीक ढंग से जी पायेंगे जब वह सरकार और प्रशासन से सही तरह के सवाल पूछेंगे। केवल एक दिन नहीं हर दिन पूछेंगे। तभी गंगा साफ़ हो पाएगी और स्कूलों के मिड डे मील में धाँधली नहीं होगी। तभी दूध की जगह पानी और रोटी के साथ नमक नहीं मिलेगा। आप हमें बताइए कि *--------- आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की स्थिति क्या है ? *--------- आपने क्षेत्र या गाँव के सरकारी स्कूलों में बच्चों को कैसा पौष्टिक खाना मिलता है है ? *---------- साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।

जिला व राज्य स्तरीय प्रतिभावान खिलाड़ियों का चयन करने के लिए टीम बनाई गई है प्रतिभावान खिलाड़ियों को अब परिषदीय विद्यालयों में जाकर वहां के बच्चों को खेल के प्रति जागरूक करेंगे और खेल से संबंधित टिप्स भी बताएंगे