मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे अपने श्रोताओं की राय

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आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम जानेंगे एसएचजी यानि की स्वयं सहायता समुह से जुड़ने के क्या फायदे हैं और इससे जुड़ कर कैसे आप अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं।

अयोध्या/फतेहपुर कमाशिन सीमा वर्ती क्षेत्र अंतर्गत भीटी तहसील अंबेडकर नगर की सीमा पर स्थित ग्राम सभा केवारी श्रीपाल निवासी अमित प्रजापति ने बताया कि मैं पूरी तरह से भूमि हीन हैं। बटाई पर खेती करते है। सरकार द्वारा निः शुल्क खाद्यान वितरण का लाभ मिल रहा है । मेरा सरकार गुजारिश है की जिस प्रकार सरकार खेतौनी पर पी एम किसान सम्मान निधि का लाभ दे रही है उसी प्रकार सरकार को भूमि हीनो पर कोई इसके एवज में लाभ दे। दुर्गा सिंह मोबाइल वाणी अयोध्या

।। अयोध्या ।। जाना बाजार मजरे बूडापुर निवासिनी कला वती प्रजापति पत्नी स्व, हौशीला प्रसाद ने अपनी आपबीती मोबाइल वाणी सहभागिता मीडिया के माध्यम से सुनाई। इन्होंने बताया कि मेरे पति की मृत्यु पिछले 7 माह पूर्व गांव के बगल सड़क दुर्घटना में हम हो गई थी जो परिवार का भरण पोषण इत्यादि उन्हीं के हाथ में था मिट्टी के बर्तन इत्यादि बनाकर उसी से रोजी-रोटी का गुजारा करते थे। पति के मृत्यु के पश्चात अभी तक इन्हें सरकारी योजनाओं का कोई भी लाभ नहीं मिला है पीड़िता ने यह भी बताया कि दो बच्चों की शादी कर दिए हैं जो अपना परिवार लेकर के शहर में गुजर बसर कर रहे हैं उन्हें परिवार से कोई वास्ता नहीं है ऐसे में रोजी-रोटी के साथ-साथ रहने, खाने पीने की तमाम समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं जबकि निराश्रित महिला के पास अभी तीन नाबालिक बच्चे हैं जिसमें एक लड़की दो लड़के जो मां के साथ रहते हैं घर मकान की स्थिति बहुत ही दयनीय है छप्पर इतिहास का मकान है उसी में किसी तरीके गुर्जर बसर करते हैं। आइए सुनते है। इन्ही जुबानी,,, दुर्गा सिंह मोबाइल वाणी अयोध्या

बताते चले की एक बाप या मां अपने बच्चो को अच्छी परवरिश के साथ साथ अच्छी शिक्षा दीक्षा की तमन्ना रखती है। ऐसे में यदि मां ही बच्चे का एक मात्र लकड़ी का सहारा हो जाए और पिता दिहाड़ी मजदूरी के बल परिवार का भरण पोषण करता हो तो उस बच्ची से पूछिए की क्या उसके ऊपर बिताती होगी। जी हां मैं बात कर रहा हूं अयोध्या जिले के विकासखंड तारून ग्राम सभा यादवपुर जहां की प्रधान सुनीता यादव हैं। मैं मोबाइल वाणी अयोध्या के माध्यम से बताना चाहूंगा उपरोक्त ग्राम सभा निवासी अनंत बहादुर सिंह को दिन भर दिहाड़ी कर के परिवार की जीविका चला रहे है। इनके परिवार में पत्नी दिव्यांग के साथ एक पुत्री है जिसको आपने अपने कठिन परिश्रम से आज आपने बिटिया को BEad की डिग्री दिलाने में प्रयासरत है। ऐसे कर्मठ शील महानुभाव को मेरी तरफ से तमाम शुभकामनाएं । । ज्ञात हो इसी बीच पढ़ाई आदि से समय निकाल कर दिवायंग मां की दैनिक क्रिया आदि से निवृत कराकर भोजन आदि के पश्चात पढ़ाई में ध्यान लगाना। किसी चुनौती से कम नहीं। पीड़ित पिता ने अपनी आप बीती मोबाइल वाणी अयोध्या को बताया,,,,,,, मैं दुर्गा सिंह मोबाइल वाणी अयोध्या

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