साथियों, हमें बताएं कि क्या आपके क्षेत्र के सरकारी जिला अस्पतालों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनबाडी में पानी की कमी है? क्या वहां प्रशासन ने पानी की सप्लाई व्यवस्था दुरूस्त नहीं की है? अगर अस्पताल में पानी नहीं मिल रहा है तो मरीज कैसे इलाज करवा रहे हैं? क्या पानी की कमी के कारण बीमार होते हुए भी लोग इलाज करवाने अस्पताल नहीं जा रहे? या फिर आपको अपने साथ घर से पानी लेकर अस्पताल जाना पड़ रहा है? अपनी बात अभी रिकॉर्ड करें, फोन में नम्बर 3 दबाकर.

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मिल्कीपुर, अयोध्या। : विकासखंड मिल्कीपुर की ग्राम पंचायत अगरबा व गुरौली फत्ते सिंह में नवनिर्मित आंगनवाड़ी केंद्रों का सीडीपीओ ने निरीक्षण किया। बता दें कि जहां मिल्कीपुर में 230 आंगनवाड़ी केंद्रों का खुद का भवन न होने से उन्हें प्राथमिक विद्यालय तथा पंचायत भवनों पर संचालित कराया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर विकासखंड मिल्कीपुर की ग्राम पंचायत अगरबा व गुरौली फत्ते सिंह गांव में ग्राम निधि द्वारा आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कराया गया है। नवनिर्मित आंगनबाड़ी भवन का बाल विकास परियोजना अधिकारी मिल्कीपुर प्रियंका दुबे ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मिली कुछ कमियों को तत्काल दुरुस्त कराए जाने का संबंधित को कहा। सीडीपीओ प्रियंका दुबे ने बताया दो आंगनबाड़ी केंद्र बनकर तैयार हो गया है बहुत जल्द ही हैंड ओवर कराकर नवनिर्मित भवन में केंद्र संचालित करा दिया जाएगा।

विकासखंड की 225 आंगनबाड़ी केंद्रों में 11 केंद्रों के दरवाजे बंद है इनपर कार्यकत्री व सहायिका दोनो नही है जब कि 79 केंद्र कार्यकत्री विहीन है इनके पद रिक्त चल रहे है। इन सेंटरों को अक्टूबर माह में मिलने वाले पोषाहार को इस माह में आबंटन हुआ ताजा गरम एम डी एम बनवाकर देने की तैयारी हैं।

ब्लॉक में कुल 198 केंद्र संचालित है पर मिलने वाले पोषाहार में कोटेदार के यहां से चावल, चने की दाल, खाद्य तेल व पंजीरी वितरण किया जाता है। किसी भी केंद्र पर खिलौने की कोई व्यवस्था नहीं है। और पोषाहार भी समय से वितरण नहीं होगा हो रहा है।

दोस्तों किसी शायर ने क्या खूब कहा है? न रोने की वजह थी, न था हंसने का बहाना. खेल खेल में कितना कुछ सीखा, कितना प्यारा था वो बचपन का ज़माना. काश, लौट आए फिर से वो कल सुकून भरा बचपन मनाएं हर पल. सच में कितने मज़ेदार थे ना वह बचपन के दिन? चलिए एक बार फिर से उन्हीं दिनों को जीने की कोशिश करते हैं अपने बच्चों के संग उनके बचपन को एक त्यौहार की तरह मनाते हुए हंसते हुए, खेलते हुए, शोर मचाते बन जाते हैं उनके दोस्त और जानने की कोशिश करते हैं इस बड़ी सी दुनिया को उनकी नन्ही आंखों से और बचपन के उन प्यारे जनों को याद करने में आपका साथ देंगे बचपन बनाओ और मोबाइल वाणी की टीम .घर और परिवार ही बच्चों का पहला स्कूल है और माता पिता दादा दादी और अन्य सदस्य होते हैं उनके दोस्त और टीचर हो. साथ में ये भी कि बच्चों के दिमाग का पचासी प्रतिशत से अधिक विकास छह वर्ष की आयु तक हो जाता है. तो अगर ये कीमती साथ हमने गवा दिए. तो उनके भविष्य को उज्जवल बनाने का मौका हम खो देंगे. अब यह सब कैसे सही रखें? इसके लिए आपको सुनने होंगे हमारे आने वाले एपिसोड तब तक आप हमें बता सकते हैं कि किस तरह के देखभाल से बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास सही रह सकता है. इससे जुड़ा अगर आपका कोई सवाल है या कोई जानकारी देना चाहते हैं तो रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नंबर 3 . सुनते रहिए कार्यक्रम बचपन मनाओ, बढ़ते जाओ.

अयोध्या जनपद के विकासखंड तरुण अंतर्गत ग्राम सभा पाली अचलपुर में विकास कार्यों में आंगनबाड़ी केंद्र अंत्येष्टि स्थल बारात घर की मांग को लेकर ग्रामीणों द्वारा कई बार आवाज उठाई गई । वहीं ग्राम प्रधान रामकुमार ने बताया कि यह तीनों जन समस्याओं का समाधान हो जाए तो ग्राम वासियों को आ रही परेशानियों का सामना न करना पड़े ।

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