भारत में हर पाँच मिनट पर घरेलू हिंसा की एक घटना रिपोर्ट की जाती है। नेशनल फैमिली हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार सख्त घरेलू हिंसा कानून- 2005 होने के बावजूद देश में हर तीन महिलाओं में से एक महिला घरेलू हिंसा की शिकार हैं। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 79.4% महिलाएं कभी अपने पति के जुल्मों की शिकायत ही नहीं करती। दोस्तों, हर रोज महिलाओं के खिलाफ जुर्म बढ़ रहे हैं , क्या अब हमारी संस्कृति को ठेस नहीं पहुंच रही , जिस पर इतने डींगे हाँकते है ? समाज में उत्पीड़न, शोषण और हिंसा का निरंतर बढ़ता ग्राफ अब बढ़ता ही जा रहा है। और जिस पर हमें अपनी चुप्पी तोड़नी ही होगी। हमें इस मुद्दे पर अपनी आवाज़ उठानी ही होगी।

पुलिस ने

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। श्रोताओं की क्या राय है, चलिए सुनते हैं। इस बारे में बचपन मनाओ... सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

यू पी बोर्ड की हाई स्कूल तथा इंटर मिडियट की परीक्षाएं 22 फरवरी से चालू हैं।

दोस्तों, हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। CTA: अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार चुटकुला, तो रिकॉर्ड करें मोबाइल वाणी पर, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर और जीतें आकर्षक इनाम। 

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

फैजाबाद मंडी में फल का भाव इस प्रकार से रहा

मिल्कीपुर, अयोध्या। खेती का श्रृंगार देखना हो तो आपको हैरिंग्टनगंज ब्लॉक के बसवार खुर्द गांव में आना होगा। बसवार खुर्द के प्रगतिशील कृषक हरिश्चंद्र चौरसिया बिना मिट्टी के हाइड्रोपोनिक खेती कर रहे हैं। हरिश्चंद्र हाइड्रोपोनिक खेती करने वाले जिले के पहले किसान हैं। यह इजरायल के किसानों की तरह खेती करके खुद मुनाफा कमा रहे हैं और अन्य किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं। इन्होंने मोटे अनाज में काकुन की खेती भी शुरू कर दी है। बसवार खुर्द के कृषक हरिश्चंद्र चौरसिया बताते हैं कि वह विगत पच्चीस वर्षों से खेती कर रहे थे, किन्तु उन्हें कोई खास लाभ नही मिल रहा था। पिछ्ले साल नाबार्ड द्वारा आयोजित कृषक भ्रमण कार्यक्रम के तहत हरियाणा के करनाल में भारत इज़राइल सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र में गए। बताते हैं कि वहीं से उनको एक सुंदर तकनीक मिल गई। वहाँ लो टनल पोलीहाउस, टपक सिंचाई, सरंक्षित खेती देखी और गांव आकर अपने खेतों में उसी तकनीक का प्रयोग करना शुरू कर दिया। वर्तमान में बिना मिट्टी के हाइड्रोपोनिक खेती की शुरुआत की है। इनका सपना है कि एफपीओ के माध्यम से कृषि करके ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाया जाय। इन्होंने बताया कि नाबार्ड तथा एफपीओ के पदाधिकारियों के मार्गदर्शन में खेती कर रहे हैं। बताया कि टमाटर, फूल गोभी, पत्ता गोभी, खीरा और घुईया, तोरई की खेती में जबरदस्त मुनाफा कमाया। वर्तमान में दूसरे जनपदों से किसान इनसे सलाह लेने और इनकी खेती देखने के लिए गांव आ रहे हैं।

फैजाबाद मंडी में आज के सब्जी का भाव इस प्रकार से रहा

एक रणनीत विस्तार के तहत उत्तर प्रदेश में अपनी उपस्थिति