मिल्कीपुर, अयोध्या। खेती का श्रृंगार देखना हो तो आपको हैरिंग्टनगंज ब्लॉक के बसवार खुर्द गांव में आना होगा। बसवार खुर्द के प्रगतिशील कृषक हरिश्चंद्र चौरसिया बिना मिट्टी के हाइड्रोपोनिक खेती कर रहे हैं। हरिश्चंद्र हाइड्रोपोनिक खेती करने वाले जिले के पहले किसान हैं। यह इजरायल के किसानों की तरह खेती करके खुद मुनाफा कमा रहे हैं और अन्य किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं। इन्होंने मोटे अनाज में काकुन की खेती भी शुरू कर दी है। बसवार खुर्द के कृषक हरिश्चंद्र चौरसिया बताते हैं कि वह विगत पच्चीस वर्षों से खेती कर रहे थे, किन्तु उन्हें कोई खास लाभ नही मिल रहा था। पिछ्ले साल नाबार्ड द्वारा आयोजित कृषक भ्रमण कार्यक्रम के तहत हरियाणा के करनाल में भारत इज़राइल सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र में गए। बताते हैं कि वहीं से उनको एक सुंदर तकनीक मिल गई। वहाँ लो टनल पोलीहाउस, टपक सिंचाई, सरंक्षित खेती देखी और गांव आकर अपने खेतों में उसी तकनीक का प्रयोग करना शुरू कर दिया। वर्तमान में बिना मिट्टी के हाइड्रोपोनिक खेती की शुरुआत की है। इनका सपना है कि एफपीओ के माध्यम से कृषि करके ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाया जाय। इन्होंने बताया कि नाबार्ड तथा एफपीओ के पदाधिकारियों के मार्गदर्शन में खेती कर रहे हैं। बताया कि टमाटर, फूल गोभी, पत्ता गोभी, खीरा और घुईया, तोरई की खेती में जबरदस्त मुनाफा कमाया। वर्तमान में दूसरे जनपदों से किसान इनसे सलाह लेने और इनकी खेती देखने के लिए गांव आ रहे हैं।