तला भुना, वसायुक्त भोजन, अत्यधिक चॉकलेट और जंक पदार्थों से परहेज करें। शरीर का वजन नियंत्रण में रखने से एसिडिटी की समस्या कम होती है। ज्यादा धूम्रपान और किसी भी तरह की मदिरा का सेवन एसिडिटी बढ़ाता है, इसलिए इनसे परहेज करें। सोडा आधारित शीतल पेय व कैफीन आदि का सेवन न करें। इसकी बजाय हर्बल टी का प्रयोग करना बेहतर है।   घर का बना खाना ही खाएं। जितना हो सके, बाहर के खाने से बचें। दर के खाने में ज्यादा अंतराल रखने से भी एसिडिटी हो सकती है।कम मात्रा में थोड़े-थोड़े समय अंतराल पर खाना खाते रहें।अचार, मसालेदार चटनी और सिरके का प्रयोग भी न करें।इलाज शरीर के अंदर उत्सर्जित हुई एसिड की ज्यादा मात्रा को निष्प्रभावी करके एंटासिड एसिडिटी के लक्षणों में तुरंत राहत प्रदान करते हैं। कुछ अन्य दवाएं हिस्टैमिन अभिग्राहकों को रोक देती हैं, जिससे पेट कम एसिड बनाता है।