रुदौली।शहर के हिंदू इंटर कॉलेज के वर्ष 1956 में हाईस्कूल व वर्ष 1958 में इंटर के संस्थागत छात्र रहे।रुदौली में प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने की वजह से उनका लगाव बना रहा। हिंदी, अंग्रेजी व संस्कृत के विद्वान राम शंकर त्रिपाठी रुदौली की कवि समेलन और कवि गोष्ठी में आना जाना लगा रहा। कवि सत्य देव गुप्त ने कहा कि उनकी पुस्तक वर्तनी,भावना को रंग,चेतना के रंग, स्पंद के रंग, कल्पना के गद्य साहित्य की चर्चा आज भी साहित्यिक जगत में होती है। हिंदू इंटर कॉलेज के प्रवक्ता कामेशमणि पाठक ने कहा कि जीवन के अंतिम चरण में .जीवन बीत गया. में जीवन के अनुभव को तरजीह दी है। को बड़े विस्तार से उतारा है।लायंस क्लब डिस्टिक चेयरमैन समाज सेवी डा निहाल राजा ने कहा की रुदौली में शिक्षा ग्रहण करने की वजह से रुदौली से विशेष लगाव रहा।निधन को साहित्य समाज की बड़ी क्षति बताया।निधन पर देवेंद्र चरण खरे आलोक,अल्हड़ गोंडवी, चंद्रालाल राही, कृष्णा नंद गुप्त क्षितिज,विंध्यवासिनी प्रसाद मिश्र चंचल,प्रवक्ता आशीष शर्मा, ने दुख जताया।