सोहावल। अयोध्या। अमृत विचार। जिले में सक्रिय प्रॉपर्टी डीलरो की कुदृष्टि अब तहसील की मैगो बेल्ट पर जम चुकी है। ग्रहण बन रहे इन प्रापर्टी डीलरो की बक्र दृष्टि अब तक दर्जनों एकड़ की खड़ी आम की बाग निगल चुकी है। प्लाटिंग कर आबादी घोषित कराके यहां बड़ी तेजी के साथ पेड़ों की कटान पिछले करीब दो वर्षो से की जा रही है। स्थिति अब यह है कि मैगो बेल्ट का वजूद ही खतरे में नजर आ रहा है। करीब दो दशक पहले फल पट्टी घोषित प्रदेश के 31 ब्लाको में शामिल सोहावल को भी शामिल किया गया था। यंहा की लगभग 18 किमी की दूरी में स्थापित सलारपुर से लोहियापुल तक की हरी भरी आम की बागो को शासन की ओर से संरक्षित कर काटे जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उद्यान विभाग की योजनाओं से बागान मालिको को बढ़ावा देने की योजना थी लेकिन आज इसका उलट हो रहा है। उद्यान विभाग इन्हे बिरलीकरण जैसी योजना बताता है इसके नाम पर बन विभाग में अनुमति मिल जाती है और बन माफियाओं का रास्ता आसान हो जाता है। बताते है मुंह मांगी मुराद का चढ़ावा मिल जाय तो भू मालिक से बाग की जमीन एग्रीमेंट करा प्लाटिंग करने वालो को राजस्व मुहाकमा भी आंख मूंद कर इनकी भूमि को आबादी दर्ज करने में कोताही नही बरतता। बागान मालिक राकेश शुक्ला रौनाही राम सिंह मंगलसी कहते है क्षेत्र के कई भू-भाग में पेड़ों को काट कर प्लाटिंग कर बेंच दी गई भूमि पर आज आवास बन चुके है। निमैचा, बेनीपुर ,ढेमवा, सुचित्तागंज, सोहावल चौराहा, चिर्रा, जगनपुर, रौनाही,मुबारक गंज, कांटा, सत्ती चौरा सलारपुर जैसे, हाइवे के किनारे की कई बागो का अब तक सफाया हो चुका है। उपजिला अधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव कहते है जांच पड़ताल के बाद धारा 80 आबादी दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी की जाती है। पेड़ काटने की परमीशन बन विभाग को देना होता है उसे देखना चाहिए । संज्ञान में आई कई शिकायतो पर कार्रवाई भी हुई है आगे भी शिकायत मिली तो कार्रवाई जरूर होगी।