आजादी के बाद 1951 में पहली जनगणना हुई. तब केंद्र की जवाहर लाल नेहरू की सरकार ने तय किया कि आजाद भारत में जाति आधारित भेदभाव को खत्म करना है, इसलिए जातिगत जनगणना की जरूरत नहीं है