शेखपुरा।। जिले में इस वर्ष प्रयाप्त मात्रा में बारिश नहीं होने के कारण इसका असर असिंचित फसलों पर साफ दिखाई दे रहा था। किसान फसलों को देखकर काफी चिंतित नजर आ रहे थे ।लेकिन पिछले कुछ दिनों से ठंड बढ़ने और कोहरा छाये रहने से फसलों पर पानी की बूंदे भी जमने लगी है। जिसके कारण फसलों में भी फायदा दिखाई देने लगा है। जिसके कारण किसान भी खुश नजर आ रहे हैं। किसानों ने बताया कि रबी की फसलों में ओस की बूंदे आने से सिंचित और असिंचित फसलों में बहुत अच्छा फायदा हो रहा है। जिसके कारण फसलों में उपज अच्छी होने की संभावना बनी है। कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि अगर ओस लगातार गिरती रहीं तो चना, सरसों व गेहूं की फसल को लाभ मिलेगा। इस बार कम बारिश के कारण रबी की फसलें अधिक सिंचाई चाह रही है। ठंड पर्याप्त नहीं होने से फसल की ग्रोथ रूकी हुई थीं लेकिन अब ओस का असर देखने को मिल रहा है। कृषि विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि मौसम में आए बदलाव के बाद अब ठंड बढ़ने के साथ रात में ओस गिरने लगी है। जिसका असर फसलों को मिल रहा है। यह ओस सीधे पौधों पर गिरती है और तना से खिसक कर पौधों की जड़ों तक चली जाती है। ओस की नमी से फसल का रंग रूप बदल रहा है। अगर लगातार ओस का सहारा फसलों को मिला तो निश्चित ग्रोथ बढ़ेगी उत्पादन भी ठीक होगा। चना, सरसों व गेहूं की फसल को लाभ मिलेगा। ठंडा मौसम होने से सभी फसलों को अच्छा लाभ होगा। रबी सीजन की फसलें गेंहूं, जौ, चना, सरसों, मटर, मसूर तथा पालक, मेथी, धनिया, मूली, गाजर, गोभी आदि फसलें ठंडे मौसम की फसलें हैं। सर्द मौसम व कम तापमान से इनमें ज्यादा ग्रोथ व वृद्धि होती है। पिछले कुछ दिनों से ठंडी हवाएं चलने से तापमान में आई गिरावट तथा सर्दी बढ़ने के कारण सभी फसलों पर अनुकूल प्रभाव दिखाई देने लगा है। दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह तक तापमान औसत से ज्यादा होने से कम सर्दी के कारण फसलों में वृद्धि कम हो रहा था। अब तापमान गिरने से तथा ठंड बढ़ने से गेंहू, जौ, सरसों तथा तिलहनी फसलें व सब्जियां लहराने लगी हैं। कृषि विशेषज्ञों ने बताया की गेंहू फसल जिले तथा प्रदेश की मुख्य रबी फसल है। गेंहूं फसल को अच्छे फुटाव व बढ़ाव के लिए कम तापमान व ठंडा मौसम अनुकूल रहता है। गेंहू फसल पर पाले व शीत लहर का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। अत: अब ठंड बढ़ने से गेंहू आदि फसलों में ज्यादा वृद्धि व फुटाव से इनकी पैदावार में बढ़ोतरी की उम्मीद जगी है। सरसों फसल में भी ठंडे मौसम में सखाएं, फूल व फलियां अधिक बनने से इनकी उपज भी बढ़ेगी। कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि किसान फसलों में इस समय आवश्यकता अनुसार सिचाई करें। आगामी दिनों में यदि पाला जमने की संभावना लगे तो सरसों तथा सब्जियों में भी हल्की सिचाई करें ताकि इनका पाले से बचाव हो सके।