शेखपुरा।। शेखपुरा जिले के घाटकुसुंभा प्रखंड क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष दर्जनों लोगो की पानी में डूबने से मौत हो जाती है। इससे बचाव के लिए जिला आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से प्रखंड क्षेत्र के 300 बच्चों को सुरक्षित तैराकी का पांच चरणों में प्रशिक्षण दिया गया। तैराकी प्रशिक्षण के लिए पहले डीहकुसुम्भा गांव के डाक स्थान तालाब का चयन किया गया था। लेकिन पानी कम और गंदा रहने के कारण यहां से हटाकर भदौसी गांव के पश्चिमी तालाब का चयन किया गया था। जहां अंतिम चरण के 12 दिनों से चल रहे प्रशिक्षण की समाप्ति के बाद मध्य विद्यालय कोसुम्भाघाट में गुरुवार को 6 से 18 वर्ष के बच्चों और किशोरों को सुरक्षित तैराकी का प्रशिक्षण प्राप्त करने का प्रमाण पत्र व मेडल दिया गया। वहीं मास्टर ट्रेनर संतोष कुमार ने बताया कि इस प्रशिक्षण में तैराकी, डूबे हुए व्यक्ति के पेट से पानी निकालने की विधि, ड्राई रेस्क्यू एवं वेट रेस्क्यू के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों से तैराकी प्रशिक्षण प्राप्त करने के योग्य तीन सौ बच्चों को पांच चरणों में 30-30 की टीम बनाकर प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान उक्त प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बच्चों को सीओ नीखत प्रवीण ने मेंडल व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। घाटकुसुम्भा।। शेखपुरा जिले के घाटकुसुंभा प्रखंड क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष दर्जनों लोगो की पानी में डूबने से मौत हो जाती है। इससे बचाव के लिए जिला आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से प्रखंड क्षेत्र के 300 बच्चों को सुरक्षित तैराकी का पांच चरणों में प्रशिक्षण दिया गया। तैराकी प्रशिक्षण के लिए पहले डीहकुसुम्भा गांव के डाक स्थान तालाब का चयन किया गया था। लेकिन पानी कम और गंदा रहने के कारण यहां से हटाकर भदौसी गांव के पश्चिमी तालाब का चयन किया गया था। जहां अंतिम चरण के 12 दिनों से चल रहे प्रशिक्षण की समाप्ति के बाद मध्य विद्यालय कोसुम्भाघाट में गुरुवार को 6 से 18 वर्ष के बच्चों और किशोरों को सुरक्षित तैराकी का प्रशिक्षण प्राप्त करने का प्रमाण पत्र व मेडल दिया गया। वहीं मास्टर ट्रेनर संतोष कुमार ने बताया कि इस प्रशिक्षण में तैराकी, डूबे हुए व्यक्ति के पेट से पानी निकालने की विधि, ड्राई रेस्क्यू एवं वेट रेस्क्यू के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों से तैराकी प्रशिक्षण प्राप्त करने के योग्य तीन सौ बच्चों को पांच चरणों में 30-30 की टीम बनाकर प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान उक्त प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बच्चों को सीओ नीखत प्रवीण ने मेंडल व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।