हरोहर नदी मे पानी कम रहने से छठ व्रतियों को अर्घ्य देने मे होगी सहूलियत नहाय खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व शुरू हो गया है। जहां आज लोग लोहंडा का प्रसाद ग्रहण करेंगे वहीं कल डूबते सूर्य का अर्ध्य देंगे। इसके लिए प्रशासन के द्वारा भीङ भाङ वाले छठ घाटों पर साफ सफाई व वैरीकेडिंग की व्यवस्था की जा रही है। जबकि नदी किनारे एवं गांवों में कई ऐसे घाट है जिसपर प्रशासन के द्वारा कोई इंतजाम नहीं किया गया है। न हीं उसकी सजावट एवं वहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के सुरक्षा के लिए की जाने वाली व्यवस्था को ले प्रशासन की ओर से अब तक कोई पहल शुरू नहीं की गई है। प्रशासनिक उपेक्षा के बावजूद हरेक गांव में युवाओं की टोली आपसी सहयोग से घाट की साफ-सफाई करने एवं सजावट की व्यवस्था करने में जुट गई है।हालांकि बीडीओ एजाज आलम एवं सीओ निखत प्रवीण के द्वारा छठ घाटों का निरीक्षण किया जा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए बीडीओ एजाज आलम ने बताया कि घाटकुसुम्भा प्रखंड के 12 छठ घाटों पर भीड़ भाड़ ज्यादा रहती है वैसे घाटों पर वैरीकेडिंग किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इसबार हरोहर नदी मे पानी कम रहने के कारण छठ घाटों की स्थिति सामान्य है। जिससे छठव्रतियों को अर्घ्य देने में सहूलियत होगी। बता दें कि घाटकुसुम्भा प्रखंड क्षेत्र में लगभग 58 स्थानों पर छठ पूजा में अर्घ्य दिया जाता है। जिसमें से 21 घाट नदी के किनारे अवस्थित है। जिसमें पानापुर, जितपारपुर, प्राणपुर, महम्मदपुर, हरनामचक, आलापुर, बाउंघाट, कोयला, मुरबरीया, घाटकुसुम्भा, अकरपुर, गदबदिया, सुजावलपुर, बटौरा आदि गांव में हरोहर नदी के घाट पर अर्घ्य दिया जाता है। जबकि भदौसी पंचायत के दरियापुर व भदौस बेलदरिया में कौरिहारी नदी के घाटों पर तो वृन्दावन में टाटी नदी के घाट पर अर्घ्य दिया जाता है। जबकि कई गांवों में अपने सुविधानुसार पैन आहर तालाब के विभिन्न घाटों का उपयोग किया जाता है।