शेखपुरा।। जो सरकार भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की लहर पर चुनाव जीती और जिसने सार्वजनिक जीवन में सम्पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने का वादा किया वह सुप्रीम कोर्ट में कह रही है कि देश के नागरिकों को यह जानने का अधिकार नहीं है कि राजनीतिक दलों को कहां से चंदा मिलता है और कौन कितना चंदा देता है! सोचें, जब यही अधिकार नहीं है तो बाकी किसी अधिकार का क्या मतलब है?