डीलर के मनमानी से किसानों को नहीं मिल रहा बीज। शेखपुरा ।।इन दिनों प्रखण्ड कृषि कार्यालय के द्वारा अनुदानित दर पर किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे बीज में डीलरों की मनमानी के कारण किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। जिससे आजिज होकर किसानों ने प्रखंड कार्यालय के समक्ष जमकर हंगामा किया। वहीं इस संबंध प्रखंड प्रमुख तारिक अनवर ने भी शेखपुरा के डीलर न्यू अंजलि ट्रेडर्स पर बीज वितरण करने में मनमानी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि डीलर के द्वारा किसानों को बीज उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। उन्होंने डीएम व एसडीओ से डीलर पर कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं प्रखण्ड के विभिन्न गांवों से बीज लेने आए किसान मनोज राम, सीताराम,अनिल राम, महेन्द्र महतो, धर्मेन्द्र साव, मोहम्मद आलो सहित बहुत सारे किसानों ने बताया की बीज वितरण में डीलर द्वारा जमकर मनमानी की जा रही है। किसानों ने बताया कि डीलर द्वारा समय से बीज उपलब्ध नहीं कराया जाता है और न हीं सही मात्रा में बीज लाया जाता है। जिससे आधे से अधिक किसानों को बीना बीज लिये वापस घर लौटना पङता है। किसानों ने बताया कि इसकी शिकायत प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी से की गई है। वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार चौधरी ने बताया की किसानों द्वारा शिकायत मिलने पर डीलर को स्पष्ट तौर पर यह निर्देश दिया गया की किसानों को समय से बीज उपलब्ध करायें। उन्होंने यह भी बताया कि डीलर के द्वारा समय से बीज उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है और जितना बीज वितरण करना है वह भी पूरी मात्रा में बीज नहीं लाया जा रहा है। जिस कारण किसानों की भीड़ इकट्ठा हो रही है। उन्होंने डीलर को समय से बीज वितरण करने का स्पषट निर्देश दिया है। साथ हीं कहा कि बीज वितरण में गड़बड़ी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि घाटकुसुम्भा प्रखंड में 1949 किसानों ने बीज लेने के लिए आनलाइन किया था। जिसमें अभी तक मात्र 681 किसानों को बीज उपलब्ध कराया गया है। किसानों को सरकार द्वारा अनुदानित दर पर 8 किलो चने अथवा मसूर के बीज प्रखंड कृषि कार्यालय द्वारा दिये जा रहे हैं। जिसको लेकर सैकड़ों किसानों ने आनलाइन आवेदन किया था लेकिन शेखपुरा के बीज वितरण करने वाले न्यू अंजली ट्रेडर्स के डीलर ने मनमानी शुरू कर दी। डीलरों के द्वारा कम बीज और समय से भी बीज उपलब्ध नहीं कराये जाने लगा ताकि घंटों इंतजार करने वाले किसानों को छोड़कर डीलर कालाबाजारी कर सके। या अपने चहेते व पहचान वाले किसानों को बीज दे सके।