हमारा माना है कि विधेयक को लेकर महिलाओं के सदन में भागीदारी तो बढ़ाएगी ही. इसके साथ ही लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनीति में महिलाओं का नेतृत्व भी मजबूत होगा. देश में ईमानदारी निष्ठा और ताकत के साथ स्वच्छ राजनीतिक का एहसास भी महिलाएं करा सकेगी. आज के दौर में शिक्षा पाकर नौकरियों में जाने की परंपरागत विचारधारा हावी है. देश की सेवा नौकरीयो के जरिए भी किया जा सकता है. लेकिन, लोकतांत्रिक व्यवस्था वाले देश में अमूल चूल बदलाव के लिए युवा और महिलाओं को संसदीय व्यवस्था में अपना अहम योगदान देना होगा. इस व्यवस्था के जरिये राजनीतिक में परिवारवाद, सीमित चेहरे और विचारधारा तक सीमित न होकर वोटरों को भी नेतृत्व चुनने का बड़ा विकल्प मिलेगा. पारिवारिक जिम्मेवारियों को बेहतर तरीके से निभाने का हुनर रखने वाली महिलाओं को जब-जब अवसर मिला है तब तक देश की सेवा में ईमानदार पहल कदमी करने के कर्तव्यों को भी निभाया है