बीएनएमयू के अंगीभूत और सम्बद्ध कॉलेजों में स्नातक फर्स्ट सेमेस्टर (सत्र 2023-27) का परीक्षा फॉर्म पोर्टल के माध्यम से भरने पर निर्धारित शुल्क से 100 रुपए अधिक लिया जा रहा है, जबकि नोटीफिकेशन में इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है। टीपी कॉलेज की ओर से जारी परीक्षा फॉर्म भरने की सूचना में प्रायोगिक विषय के लिए 1600 और अप्रायोगिक विषय के छात्रों के लिए 1000 रुपए निर्धारित किया गया है, लेकिन ऑनलाइन पेमेंट करते समय 1700 और 1100 रुपए काटा जा रहा है।

मधेपुरा के बीपी मंडल इंजीनियरिंग कॉलेज में बुधवार की रात छात्र और स्थानीय युवकों में हुई मारपीट के बाद छात्रों ने NH-106 को जाम कर दिया है। मारपीट में गोली चलाने की भी बात सामने आ रही है। छात्रों का कहना है कि मारपीट पूर्व के विवाद को लेकर हुई है। पिछले दिनों कॉलेज में किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। काफी दिन बीत जाने के बाद सभी विवाद को खत्म समझ रहे थे। लेकिन बुधवार की रात जब कुछ छात्र कॉलेज के सामने दुकान पर चाय पी रहे थे, उसी वक्त दूसरे गुट के कुछ युवक आकर उनलोगों के साथ बहस करने लगे। बात मारपीट तक आ गई।

शुक्रवार को फाइलेरिया दिवस के अवसर पर सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के मध्य विद्यालय दाहूपट्टी के छात्र-छात्राओं ने जागरूकता रैली निकाली। विद्यालय प्रधान ललिता कुमारी तथा वहां के शिक्षक और शिक्षिकाओं के अगुवाई में छात्र-छात्राओं ने विद्यालय पोषक क्षेत्र के सभी जगह पर जाकर लोगों में फाइलेरिया रोग से होने वाली परेशानी को बताया और इस बाबत कई नारे लगाए। छात्र-छात्राओं ने कहा कि 10 फरवरी से 12 फरवरी तक विद्यालय में छात्र-छात्राओं को फैलारिया का टैबलेट दिया जाना है इसलिए कोई भी छात्र-छात्रा उसे तिथि को अपने घरों में नहीं रहे और विद्यालय पहुंचे पहुंचे।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद पर के के पाठक के योगदान के साथ ही सरकारी विद्यालयों में काफी बदलाव दिखाई देने लगा। बदलाव जारी है लेकिन सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के कई विद्यालयों में अभी भी सुधार की जरूरत है। ऐसे विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के नामांकन के अनुपात में छे बच्चे स्कूल से पार रहते हैं। यानी आधे बच्चे स्कूल नहीं आते जिसके चलते मिड डे मील में खाना पूरी होती है। प्रखंड के मदरसुल बनात छिटही मे मंगलवार के दिन 403 नामांकन में से मात्र 210 छात्र उपस्थित पाए गए। विद्यालय के शिक्षकों का कहना था कि छे बच्चे स्कूल नहीं आए। किस कारण से आगे बच्चे स्कूल से अनुपस्थित रहते हैं इसका कोई जवाब शिक्षकों के पास नहीं था। अगल-बगल के कुछ अभिभावकों का कहना था कि विद्यालय में उपस्थित छात्र-छात्राओं में से कभी डेढ़ तो कभी दोगुना उपस्थिति अधिक दिखाई जाती है। ऐसे अभिभावकों का कहना था कि शिक्षा में सुधार का मतलब छात्र-छात्राओं की कम से कम 90% उपस्थित हो और सभी को समान रूप से पढ़ाया जाए तब माना जाना चाहिए। ऐसा नहीं की कुछ ही छात्र-छात्र उपस्थित हुए और उसी को आधार बनाकर रिपोर्ट दी जाए।

17 वीं बिहार बटालियन एनसीसी सहरसा के द्वारा एनसीसी ए सर्टिफिकेट परीक्षा हेतु सुपौल उच्च माध्यमिक विद्यालय सुपौल को परीक्षा केंद्र बनाया गया। जहां सुपौल उच्च माध्यमिक विद्यालय सुपौल, उच्च माध्यमिक विद्यालय सुखपुर, नवोदय विद्यालय सुपौल, एवं पारसमणि उच्च माध्यमिक विद्यालय बभनी के एनसीसी कैडेट्स की लिखित एवं डीएसटी जांच ली गई। परीक्षा एएनओ सुमन कुमार झा, विश्वविजय कुमार, अजय कुमार, सीटीओ रमन कुमार एवं बटालियन से आए हुए सूबेदार बलजीत सिंह ,हवलदार वासुदेव जलधार, डीईओ प्रभाकर कुमार, लेखापाल कौशलेंद्र कुमार, अशोक आदि ने मिलकर परीक्षा ली।

राज्य परियोजना निदेशक शिक्षा विभाग बिहार सरकार पटना भी कार्तिकेय धनजी ने शुक्रवार को सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के उच्च माध्यमिक विद्यालय भपटियाही का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विद्यालय में पठन-पाठन की स्थिति की जानकारी ली तथा विद्यालय प्रांगण में बने साइंस पार्क को दिखा। अपने 1 घंटे के निरीक्षण में राज्य परियोजना निदेशक ने विद्यालय के तमाम व्यवस्थाओं को नजदीक से जाना तथा छात्र-छात्राओं से भी प्रश्नोत्तर किया। उन्होंने विद्यालय प्रधान सुधीर कुमार यादव से जानकारी लिया कि विद्यालय में कितने छात्र-छात्रा का नामांकन है और नियमित उपस्थिति क्या है तो प्रधान ने कहा कि वहां 500 से लेकर 600 तक छात्र-छात्रा प्रतिदिन कक्षा आ जाते हैं। परियोजना निदेशक ने विद्यालय प्रांगण में बंद है खेल मैदान के बारे में भी जानकारी लिया।

सरायगढ़ भपतियाही में स्कूल में कुछ नही है सुविधा। अभी भी जमिन होती है पढ़ाई। नही है सौचालय जिस कारण बच्चे स्कूल में नही रहते है

2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?

सुपौल : उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय सुखपुर में इंटर का परीक्षार्थी 10 मिनट लेट पहुंचा तो एंट्री से रोका गया विरोध में छात्रों ने परीक्षा केंद्र के सामने मुख्य द्वार पर सुपौल सुखपुर मुख्य मार्ग को जमकर विरोध प्रदर्शन करते हुए नजर आए।परीक्षार्थी का कहना है कि वो महज सेंटर पर दस मिनट लेट हुआ और उसे जाने से रोक दिया ऐसे में वो अब सुखपुर सुपौल मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर विरोध प्रदर्शन पर सड़क पर बैठ कर कर रहे है।

रौशन राय, मरौना(सुपौल) : प्रखंड के बेलही पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय बेलही मुसहरी मे अध्ययनरत बच्चों के बीच निर्मली नगर निवासी रक्तवीर सूरज कुमार पाण्डेय अपने 26वें जन्मदिन को लेकर दर्जनों स्कूली बच्चों के बीच पठन-पाठन सामग्री का वितरण किया।बता दे कि पांडे ने स्कुली बच्चों को पठन पाठन के लिए कॉपी,कलम,स्लेट,पेन्सिल दिया।इस दौरान उन्होंने कहा की शिक्षा बगैर जीवन अधूरा है,इसलिए सभी को शिक्षा ग्रहण करना चाहिए।आगे उन्होंने ने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने के लिए बच्चो के बीच ग़रीबी बाधा नही बननी चाहिए।इसी उद्देश्य से आज बच्चो के बीच पठन-पाठन सामग्री का वितरण किया गया है।उन्होंने क्षेत्र के युवाओं से भी अपील किया है कि गरीब बच्चो को शिक्षा ग्रहण करवाने में मदद करे ताकि यही बच्चे आगे चलकर समाज के प्रति,देश के प्रति कुछ कर सके।वही बच्चो से अपील करते हुए कहा की बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से अपने क्लास आना चाहिए एवं अपने अध्यापक के प्रति सदा आदर का भाव रखना चाहिए।रक्तवीर पाण्डेय ने बताया कि मेरा जन्मदिन सदा समाज के सहोकार के क्षेत्र मे समर्पित रहा है।इससे पूर्व मेरे द्वारा बाढ़ की विभीषिका झेल रहे लोगों को मदद किया गया था।वर्तमान मे मेरे द्वारा बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है।मेरा मानना है कि शिक्षा से ही एक शिक्षित समाज, शिक्षित देश का निर्माण होगा।