भूमिहीनों को बासगीत पर्चा देने, परचाधारियों को जमीन पर कब्जा दिलाने ,प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों एवं मनरेगा मजदूरों के मजदूरी का बकाया राशि का भुगतान करने ,बढ़ते अपराध एवं भ्रष्टाचार पर रोक लगाने आदि मांगों को लेकर आज यहां भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पुरैनी प्रखंड कार्यालय पर किया प्रदर्शन। प्रदर्शन का नेतृत्व सीपीआई नेता दिलीप कुमार, बिनोद ऋषिदेव ,चंदन ऋषिदेव बिहारी कुमार आदि कर रहे थे। इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों एवं उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए सीपीआई के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि आज देश में रुपए की अवमूल्यन के साथ-साथ राजनीतिक अवमूल्यन का दौर जारी है l

निर्मली(सुपौल) : प्रखंड क्षेत्र के हरियाही पंचायत स्थित जरौली वार्ड संख्या एक में मगंलवार को पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित बॉक्स पुल का सत्यापन करने बाहर से टीम पहुंचे।जिसकी जानकारी स्थानीय लोगो को मिला,जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग सत्यापन टीम के समक्ष पहुंचे और पुल निर्माण कार्य में हुए अनियमितता को अवगत कराने की कोशिश किए।लेकिन सत्यापन में आए टीम ग्रामीणों का एक भी बात नही सुना।जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने पुल के समीप सत्यापन टीम के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया।ग्रामीणों के द्वारा प्रदर्शन को देख सत्यापन टीम स्थल छोड़ फरार हो गए। जिसके बाद लोगो ने प्रदर्शन खत्म कर दिया। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण केशव कुमार कामत, लड्डू लाल कामत, भोगी लल राय, सियाराम पंडित, सुरेंद्र कामत, रामसुंदर कामत, दुर्गानंद कामत, विद्यानंद कामत, फोचाय कामत, देवू कामत, श्यामसुंदर कामत सहित अन्य का कहना था कि जरौली वार्ड संख्या एक में पीएम ग्राम सड़क योजना -3 के तहत 1करोड़ 93लाख 94हजार 740 रुपए की लागत से बॉक्स पुल का निर्माण कराया गया है।लेकिन निर्माधीन पुल में कई तरह के खामियां है। जिसका शुद्ध लेने वाला कोई नहीं है सिर्फ पुल निर्माण के नाम पर खाना पूर्ति किया गया है ।ग्रामीणों ने कहा कि पुल निर्माण कार्य जब से शुरू हुआ तब से ही निर्माण कार्य में अनियमित को लेकर बहिष्कार किया गया ।यहां तक की जिलाधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी को भी अवगत कराया गया ।लेकिन आज तक कोई अधिकारी निर्माधीन स्थल पर नहीं पहुंचे ।लोगों ने कहा कि मंगलवार को जब निर्माधीन पुल का पैकेज पास करने हेतु सत्यापन टीम पहुंचे तो हम लोगों ने समस्या से अवगत कराने का कोशिश सत्यापन टीम के साथ किया ।लेकिन सत्यापन टीम में शामिल अधिकारी हम ग्रामीणों का एक भी नहीं सुना और कड़े लफ्जों में यह कहते हुए स्थल से फरार हो गया कि आप लोग सत्यापन कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं ।लोगों ने कहा कि इससे पूर्व भी जब हम ग्रामीणों के द्वारा कार्य का बहिष्कार किया गया था तो संवेदक के द्वारा थाना में रंगदारी देने का झूठा आरोप लगाते हुए झूठी मुकदमा में फंसाने का कोशिश किया गया था।लोगों ने अधिकारियों से निर्मित पुल का जांच पड़ताल कर उचित कार्रवाई करने का मांग किया है।इधर सत्यापन करने आए टीम से जब कुछ पूछने का कोशिश किया गया तो वह कुछ बताए बगैर चले गए।

नगर पंचायत निर्मली के सफाई कर्मी सोमवार की शाम हड़ताल समाप्त कर अपने काम पर लौटे है।मालूम हो की बीते पांच दिनों से सफाई कर्मी वेतन भुगतान सहित ईपीएफ को लेकर हड़ताल पर चले गए थे।लिहाजा शहर में साफ सफाई व्यस्था ठप रहा।हालांकि हड़ताल पर लौटे सफाई कर्मियों को काम पर लौटने हेतु बीते चार दिनों से एनजीओ सहित स्थानीय प्रतिनिधि ने अनुरोध भी किया था लेकिन हड़ताल कर्मी काम पर नहीं लौटे,हालंकि आज शाम नगर पंचायत निर्मली के कार्यपालक पदाधिकारी शशिकांत कुमार के पहल पर सफाई कर्मी काम पर लौटे है।इस बावत नगर पंचायत के ईओ ने कहा कि सफाई कर्मियों का डिमांड पूरा कर दिया गया है।ईपीएफ सहित भुगतान जैसी समस्याओं का निदान हो चुका है,जिसके बाद सफाई कर्मी काम पर लौट चुके है। ईओ ने कहा कि साफ सफाई को लेकर इस प्रकार की समस्या अब आगे से उत्पन्न नही होगा,इसके लिए नगर पंचायत प्रशासन ठोस कदम उठा रहे है।

कल देश नव दिवाली मनाने जा रहे है,लिहाजा लोगो की तैयारी जोर शोर पर है।लोग अपने घर आंगन सहित मंदिरो की साफ सफाई में जुटे है।लेकिन इस ऐतिहासिक पल में भी बिहार के सुपौल के नगर पंचायत निर्मली का हाल नारकीय है।यहां बीते तीन चार दिनों से साफ सफाई व्यवस्था ठप है।लिहाजा पूरे शहर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है।जिसका कारण है सफाई कर्मियों का हड़ताल पर जाना। दरसल इन दिनों नगर पंचायत के सफाई कर्मी समय से वेतन और ईपीएफ नही मिलने को लेकर हड़ताल पर हैं।सफाई कर्मियों का कहना है कि हमलोगों को ईपीएफ के नाम पर गुमराह कर लूट खसोट किया जा रहा है। हालंकि इस बीच आज यानी कि रविवार को नगर पंचायत के अधीन एनजीओ के मैनेजर सहित अन्य सफाई कर्मी को मानने पहुंचे लेकिन सफाई कर्मी हड़ताल से नही लौटे..इधर मौके पर उपस्थित एनजीओ और हड़ताल कर्मी जब कैमरे के आमने सामने हुआ तब एक चौकने वाला खुलासा हुआ। एनजीओ के मैनेजर के अनुसार उनके कंपनी में 110 सफाई कर्मी पंजीकृत है,जबकि धरातल पर मात्र 70-75 ही सफाई कर्मी है। तो अब जरा आप खुद ही सुनिए आरोप प्रत्यारोप में किस प्रकार घोटाले की पोल खुली है...

नगर पंचायत निर्मली में एक बार फिर एनजीओ के अधीन कार्यरत सफाईकर्मियों की हड़ताल आज से शुरू हो गया।कर्मियो का आरोप है की काम के बदले समय से राशि भुगतान नहीं किया जाता है।लिहाजा आज नगर में साफ सफाई व्यवस्था ठप रहा।जबकि आपको बता दे की साफ-सफाई के नाम पर एनजीओ को लगभग 18 लाख प्रतिमाह खर्च करने का ठेका मिला है। सफाई कर्मियों के इस तरह से हड़ताल पर आ जाना नगर पंचायत प्रशासन के लापरवाही को दर्शाता है।

एक सामान्य समझ है कि कानून और व्यवस्था जनता की भलाई के लिए बनाई जाती है और उम्मीद की जाती है कि जनता उनका पालन करेगी, और इनको तोड़ने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके उलट भारतीय न्याय संहिता में किये गये हालिया बदलाव जनता के विरोध में राज्य और पुलिस को ज्यादा अधिकार देते हैं, जिससे आभाष होता है कि सरकार की नजर में हर मसले पर दोषी और पुलिस और कानून पूरी तरह से सही हैं।

यह भावनाओं के आहत होने का दौर है पता नहीं चलता कब किसकी कौन सी भावना आहत हो जाए। इन खिलाड़ियों के ऐसा करने के पीछे का कारण एक बाहुबली नेता के सहयोगी का एक खेल संघ के अध्यक्ष पद पर चुना जाना। इससे पहले वह नेता ही बीते दशक भर से इस संघ को चला रहा था, उस पर नाबालिगों के यौन शौषण के आरोप हैं, पुलिस इसकी जांच कर रही है लेकिन इस जांच के क्या नतीजे होंगे उसको क्या सजा मिलेगी यह सब सरकार की मर्जी पर निर्भर करता है । *------दोस्तों आपको क्या लगता है क्या हमारे देश के पहलवान जो यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं वे अपनी जगह पर ठीक हैं या उनमें कुछ है जो उन्हें गलत साबित करता है, उन्हें किसी के हाथ का खिलौना बनाता है। हो सकता है कि आप इन दोनों में से किसी एक विचार से सहमत हों। वह विचार चाहे जो भी हो उसे कहिए, बोलिए, हमें बताइए, क्योंकि एक महान लोकतंत्र के लिए लोगों का बोलना ज़रूरी है