मुफ्त राशन एवं लोन देने के नाम पर महिलाओं से लाखों रुपये की ठगी किए जाने का मामला सामने आया है। नगर के कई वार्ड की महिलाओं से तकरीबन 6 लाख रुपए की ठगी करने वाले युवक को महिलाओं ने धर दबोचा और थाना चौक के पास प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी महिलाओं में वीना देवी, पूनम देवी, सुनीता देवी, विमला देवी, संगीता देवी, अर्हुलिया देवी, रंजू देवी, सियावती देवी आदि ने बताया कि अक्टूबर माह में मझारी निवासी संदीप कुमार नाम का एक युवक नगर में पहुंचा। सभी महिलाओं से कई महीनों तक मुफ्त राशन एवं 70 हजार से 10 लाख रुपये तक लोन देने का वादा करते हुए तीन-तीन हजार रुपए की दर से वसूली कर फरार हो गया। पैसा वसूलने के बाद कुछ दिनों तक फोन पर बताया कि जल्द कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद लोन मिल जाएगा लेकिन दिन बीतता गया। उसके बाद उक्त युवक ने फोन उठाना भी बंद कर दिया। महिलाओं ने लगातार उसकी खोजबीन की लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। अचानक रविवार की देर शाम युवक नगर के वार्ड एक में दिख गया। इसके बाद पीड़ित महिलाओं ने उसे पकड़ लिया। पैसा वापस करने की मांग करते हुए महिलाओं ने थाना चौक के पास जमकर प्रदर्शन किया। कई घंटे बाद कुछ जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप पर महिलाओं ने प्रदर्शन को समाप्त कर दिया। पीड़ित महिलाओं का कहना है कि अगर उसे उसकी रकम वापस नहीं मिलती है तो वह थाने में आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराएगी। उधर आरोपित युवक संदीप कुमार से मामले को लेकर पूछताछ करने पर कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।

ठगी का शिकार हुई महिला न्याय पाने पहुंची थाना, जी हां आपको बता दे कि मामला निर्मली थाना क्षेत्र से जुड़ा है।जहां क्षेत्र के दर्जनों महिला सोमवार को निर्मली थाना पहुंचे ।जहां महिलाओं का आरोप है कि क्षेत्र के मझारी गांव का एक लड़का लोन और राशन देने के नाम पर तीन तीन हजार रुपए की दर से करीब सैकड़ों महिलाओं से लाखो रुपए की ठगी कर लिया।जिसके बाद वह फरार हो गया।लेकिन महिलाओं ने रविवार को युवक को पकड़ा और पैसे की डिमांड कर दी।लेकिन मामला बढ़ गया और बात थाने तक आ गई।हालंकि पुलिस मामले की छानबीन शुरू कर दिया है।

सरकारी संस्था आईसीएमआर के डाटाबेस में सेंध लगाकर चुराया गया 81 करोड़ लोगों का डाटा इंटरनेट पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। लीक हुए डाटा में लोगों के आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी, पासपोर्ट, नाम, फ़ोन नंबर, पते सहित तमाम निजी जानकारियां शामिल हैं। यह सभी जानकारी इंटरनेट पर महज कुछ लाख रुपये में ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध है। इसे डाटा लीक के इतिहास का सबसे बड़ा डाटा लीक कहा जा रहा है, जिससे भारत की करीब 60 प्रतिशत आबादी प्रभावित होगी।