आप सभी ने बूथ कैप्चरिंग के बारे में तो सुना ही होगा, हो सकता है किसी ने देखा भी हो। मोटा-मोटी कहा जाए तो हर कोई जानता है कि बूथ कैप्चरिंग क्या होती है और कैसे होती है। इसको और बेहतर तरीके से समझना हो तो इस तरह से भी देखा जा सकता है कि भारत में होने वाले सभी प्रकार के चुनावों में पंचायत से लेकर संसद तक के चुनाव में सुरक्षा बल एक अनिवार्य जरूरत हैं। सुरक्षा बलों के बिना निष्पक्ष चुनावों की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पिछले 75 सालों में इस एक मसले पर कुछ भी नहीं बदला है। यह हाल तब है जब पुलिस, प्रशासन और सुरक्षा बलों को देख कर डरने की प्रवत्ति आम है। ऐसे में कहना कि चुनाव निष्पक्ष होते हैं एक क्रुर मजाक से ज्यादा कुछ नहीं।

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम जानेंगे की पैसों की बचत की शुरुआत कैसे की जा सकती है

दरभंगा भारत का एकमात्र शहर है, जिसके एक परिसर में दो विश्वविद्यालय हैं । पहला है कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा और दूसरा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा। आपको ये भी बता दें कि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय बिहार का पहला और भारत का दूसरा संस्कृत विश्वविद्यालय है। . यूँ तो दरभंगा में घूमने की चीज़े बहुत सी है। महाराजा कामेश्वर सिंह द्वारा निर्मित किला, स्थान और अन्य कई इमारतें और मंदिर शहर में प्रमुख पर्यटन आकर्षण के रूप में जाने जाते हैं। दरभंगा के बारे में और ज्यादा जानने के लिए सुने चलो चलें ....

दोस्तों, 7 फरवरी आ चुकी है और आज हम मना रहे हैं वर्ल्ड रीड अलाउड डे... और हमारे पास पहुंच चुकी हैं आपकी बहुत सारी कहानियां... सुंदर-सुंदर कविताएं और किस्से भी... तो चलिए फिर आपकी रिकॉर्ड की गई कुछ अच्छी कहानियों और किस्सों को यहां सुनाते हैं. इस खास दिन पर आप भी बच्चों को कहनियां पढकर सुनाएं और उन्हें भी कहानियां सुनाने और रिकॉर्ड करने के लिए प्रेरित करें. अपनी कविता, कहानियां रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे.. हो जाइए तैयार।

सुपौल प्रखंड कार्यालय परिसर में पंजाब नेशनल बैंक की नई शाखा का लोकार्पण सह उद्घाटन जिलाधिकारी कौशल कुमार ने किया। इस दौरान उप विकास आयुक्त सुधीर कुमार, अपर समाहर्ता राशिद कलीम अंसारी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी राकेश कुमार, वरीय उप समाहर्ता अभिषेक रंजन, प्रखंड विकास पदाधिकारी ज्योति गामी, लीड बैंक मैनेजर अमित कुमार, संजीव कुमार झा पंजाब नेशनल बैंक के मंडल प्रमुख, नीरज कुमार पंजाब नेशनल बैंक के जिला समन्वयक एवं पंजाब नेशनल बैंक के कर्मी उपस्थित थे। बैंक के मंडल प्रमुख संजीव कुमार झा ने बैंक शाखा द्वारा उम्दा बैंकिंग सेवा का भरोसा दिया। जिलाधिकारी द्वारा भी बैंक को पूरी सहायता देने का विश्वास दिया गया। जिलाधिकारी द्वारा बैंक को इतने कम समय में उद्घाटन के लिए मंडल प्रमुख एवं जिला समन्वयक के प्रयासों की सराहना की गई। मंडल प्रमुख द्वारा प्रशासन के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

नगर परिषद वार्ड नंबर छह के वार्ड पार्षद के द्वारा अपने सहयोगियों के साथ कार्यपालक पदाधिकारी एवं अन्य कर्मियों को अपशब्द कहने, हिंसक घटनाओं को अंजाम देने की धमकी एवं अमर्यादित व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए नगर परिषद के सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। इस आशय का आवेदन कर्मियों ने मुख्य पार्षद को देते हुए हड़ताल पर जाने की जानकारी दी है। आवेदन में कहा गया है कि वार्ड पार्षद अजीत कुमार आर्य के द्वारा आए दिन बोर्ड की सामान्य बैठक के साथ-साथ कार्यपालक पदाधिकारी एवं सफाई कर्मचारी के साथ इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। इससे कर्मचारियों में हताशा, निराशा एवं दहशत का माहौल है। कहा गया है कि 28 फरवरी 2022 को इनके नेतृत्व में नगर परिषद के ट्रैक्टर चालक एवं सफाई कर्मियों को घेरकर कचरे का डंपिंग नगर परिषद के मुख्य द्वार पर करवा दिया गया था। इसे अगले दिन तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी, मनीष कुमार द्वारा हटवाया गया। आवेदन में कहा गया है कि आपकी अनुपस्थिति में आपके कार्यालय वेश्म में भी उक्त वार्ड पार्षद के द्वारा अपने अन्य सहयोगियों के साथ अभिलेखों से छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया गया। उक्त मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। इधर सोमवार को उन्होंने कार्यपालक पदाधिकारी के वेश्म में असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया। बीच बचाव करने पहुंचे कार्यालय कर्मचारियों के साथ भी अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करते हुए हिंसक वारदात को अंजाम देने की चेतावनी दी गई। कहा गया है कि इतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं किया जाना अत्यंत चिंता का विषय है। ऐसे में कर्मचारियों एवं अधिकारियों की कोई मान मर्यादा नहीं है। कहा गया है कि उपर्युक्त सभी मामले में नगर परिषद की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने के फलस्वरूप संपूर्ण कर्मचारी, आउटसोर्सिंग सफाई कर्मी मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश हो गये हैं। जब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता है तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

वीरपुर के रिफ्यूजी कॉलोनी में निःशुल्क चिकित्सा परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। 45वीं बटालियन वीरपुर के द्वारा आयोजित इस शिविर के बारे में कमांडेंट गौरव सिंह ने बताया कि शिविर में पहुंचे मरीजों के स्वास्थ्य की जांचकर परामर्श दी गई।

हरिपुर पंचायत के फूलकाही ग्राउंड पर मंगलवार को आरसीसी 20 कप का फाइनल मुकाबला फूलकाही और अचलपुर के बीच खेला गया। इसमें अचलपुर टीम के कप्तान हाफिज सहदुल्ला ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। जिसमें निर्धारित 20 ओवर में अचलपुर टीम ने सभी विकेट खोकर 202 रनों का विशाल स्कोर बनाया। इसमें सर्वाधिक कप्तान ने 47 रनों की पारी खेली। जिसमें उन्होंने महज 15 गेंदों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए चार छक्के और पांच चौका लगाया। वहीं फुलकाही की ओर से मो. शमी ने 7 विकेट हासिल किए। जवाब में उतरी फुलकाही टीम महज 134 रनों पर ढेर हो गई। फुलकाही की ओर से निकाइल ने ताबड़तोड़ 49 रन बनाए। इसमें उन्होंने 3 छक्के और चार चौका लगाया। विजेता टीम को हरिपुर मुखिया नौशी प्रवीण, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष जमील अनवर और समाजसेवी धीरेन्द्र यादव, सागर यादव ने सामूहिक रूप से कप प्रदान किया। मैन ऑफ द सीरीज मो. निकाईल को मिला। मौके पर मो. हजरत, रूबिल खान के अलावा मो. साबिर, मो. शमशाद सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे। ------------

बिहार राज्य के सुपौल जिला से हमारे श्रोता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद पर के के पाठक के योगदान के साथ ही सरकारी विद्यालयों में काफी बदलाव दिखाई देने लगा। बदलाव जारी है लेकिन सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के कई विद्यालयों में अभी भी सुधार की जरूरत है। ऐसे विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के नामांकन के अनुपात में छे बच्चे स्कूल से पार रहते हैं। यानी आधे बच्चे स्कूल नहीं आते जिसके चलते मिड डे मील में खाना पूरी होती है। प्रखंड के मदरसुल बनात छिटही मे मंगलवार के दिन 403 नामांकन में से मात्र 210 छात्र उपस्थित पाए गए। विद्यालय के शिक्षकों का कहना था कि छे बच्चे स्कूल नहीं आए। किस कारण से आगे बच्चे स्कूल से अनुपस्थित रहते हैं इसका कोई जवाब शिक्षकों के पास नहीं था। अगल-बगल के कुछ अभिभावकों का कहना था कि विद्यालय में उपस्थित छात्र-छात्राओं में से कभी डेढ़ तो कभी दोगुना उपस्थिति अधिक दिखाई जाती है। ऐसे अभिभावकों का कहना था कि शिक्षा में सुधार का मतलब छात्र-छात्राओं की कम से कम 90% उपस्थित हो और सभी को समान रूप से पढ़ाया जाए तब माना जाना चाहिए। ऐसा नहीं की कुछ ही छात्र-छात्र उपस्थित हुए और उसी को आधार बनाकर रिपोर्ट दी जाए।