सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के देवघर-भुलिया गांव के लोगों ने राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कोसी के गांव के लोगों को भी प्रधानमंत्री आवास लाभ देने की मांग की है। गांव के अधिकांश लोगों का कहना है कि उन सबों को प्रधानमंत्री आवास से अलग रखा जा रहा है। कुछ लोगों को आवास दिया गया है लेकिन उसकी संख्या बहुत कम है जबकि प्रत्येक परिवार को आवास मिलना चाहिए। गांव के युवाओं ने बताया कि कोसी के गांव में सरकार की कई योजनाएं चलती है उसमें कुछ योजनाओं में पक्का भवन का निर्माण भी कराया जाता है। युवाओं का कहना था कि जब पक्का भवन निर्माण में सरकार भारी भरकम राशि खर्च करती है तो आवास की राशि लोगों को क्यों नहीं मिल सकती। गांव के अधिक से अधिक युवाओं का कहना था कि कोसी नदी से प्रभावित सभी गांव के लोगों को प्रधानमंत्री आवास लाभ दिया जाना चाहिए ताकि उन सबों की भी फूस की झोपड़ी पक्का भवन में बदल सके। भुलिया गांव की महिलाओं का भी कहना था कि उन सबों को कास-पटेर से बने घर में रहने में कठिनाई होती है। अगर पक्का भवन नहीं बनवाया जाता तो कम से कम चदरा का भवन भी जरूर मिलना चाहिए जिसमें लोग सुकून से रह सके। महिलाओं का कहना था कि तटबंध के बाहर बसे लोगों को सरकार आवास लाभ तो दे रही है लेकिन अंदर बसे लोगों को यह लाभ नहीं मिलता है। कुछ वैसे लोगों को मिलता है जिनका जमीन तटबंध से बाहर है लेकिन उसकी संख्या बहुत कम है। सरकार कोसी के अंदर बसे लोगों को भी आवास लाभ दे।

छातापुर प्रखंड प्रमुख आशिया देवी पर अविश्वास प्रस्ताव को पारित कराने हेतु निर्धारित आज पंचायत समिति की विशेष बैठक हुई। प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर स्थित ललित नारायण सभागार में बुलाई गई बैठक में पंचायत समिति सदस्यों की आधे से भी कम उपस्थिति के कारण अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया। अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो जाने के बाद वर्तमान प्रखंड प्रमुख आशिया देवी का पद पर कब्जा बरकरार रह गया। प्रखंड क्षेत्र के कुल 33 पंचायत समिति सदस्यों में प्रखंड प्रमुख आशिया देवी सहित 17 पंचायत समिति सदस्य बैठक से अनुपस्थित रहे। जबकि प्रखंड उपप्रमुख संजय कुमार यादव सहित 16 सदस्य बैठक में शामिल हुए। प्रखंड प्रमुख की अनुपस्थिति में बैठक की अध्यक्षता उपप्रमुख ने की, कार्यपालक पदाधिकारी सह बीडीओ रीतेष कुमार सिंह की मौजूदगी में पूर्व निर्धारित समय पूर्वाहन 11 बजे बैठक शुरू हुई। बैठक शुरू होने के बाद अगले तीन घंटे तक पंचायत समिति सदस्यों के आने का इंतजार किया गया। इस अवधि के बीच उपप्रमुख के अलावे मात्र 15 पंचायत समिति सदस्य ही बैठक में शामिल हुए। जानकारों की मानें तो अविश्वास प्रस्ताव को पारित कराने हेतु वोटिंग के लिए 17 सदस्यों की दरकार थी। इस प्रकार प्रखंड प्रमुख पर लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को बिना वोटिंग कराये ही खारिज कर दिया गया। बीडीओ ने पूछने पर बताया कि विशेष बैठक में निर्धारित अवधि तक प्रखंड उपप्रमुख सहित 16 सदस्य शामिल हुए। जबकि प्रखंड प्रमुख सहित 17 सदस्य अनुपस्थित रहे। प्रखंड उपप्रमुख के द्वारा संख्या बल आधे से भी कम रहने के कारण अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। इधर प्रखंड कार्यालय परिसर के बाहर घंटों से जमा भीड के बीच गहमागहमी बनी रही। अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो जाने की जानकारी फैलते ही अविश्वास के विपक्ष में खडे़ समर्थकों के बीच जश्न का माहौल बन गया। वहीं अविश्वास के पक्ष में जमे लोगों के बीच उदासी का आलम देखा गया। विशेष बैठक को शांतिपूर्वक संपन्न कराने हेतु सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे। सीओ उपेंद्र कुमार वरीय दंडाधिकारी तथा बीसीओ द्वय अरूण कुमार व प्रदीप कुमार दंडाधिकारी के रूप में स्थल पर प्रतिनियुक्त थे। वहीं भीमपुर थानाध्यक्ष अमरनाथ कुमार, छातापुर थाना के पुअनि द्वय आजाद लाल मंडल व शकुंतला चंदन के साथ सशस्त्र बल परिसर व मेन गेट पर तत्पर दिख रहे थे

आगलगी की घटना में सात परिवार के घरों सहित लाखों की सम्पत्ति जलकर स्वाहा।

थाना क्षेत्र के रामविशनपुर एनएच 57 भगता टोला के पास मंगलवार की देर रात को अज्ञात वाहन की ठोकर एक बाइक सवार किशोर गंभीर रूप से घायल हो गया। बताया जाता है कि दीपनगर वार्ड 10 निवासी राजू कुमार (15) पिता शिवनारायण मंडल के एक बाइक से भालुकूप अपने किसी रिश्तेदार के यहां गया था। वापस लौटने के क्रम में रामविशनपुर के भगता टोला पास अज्ञात वाहन से उसकी टक्कर हो गया। सूचना के बाद स्थानीय पुलिस ने लोगों के सहयोग से उसे इलाज के लिए रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया। थानाध्यक्ष रजनीश कुमार केशरी ने बताया कि घटना को लेकर जांच पड़ताल की जा रही है। आवेदन अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

प्रतापगंज प्रखंड में वार्ड सदस्यों पर अविश्वास प्रस्ताव लगाने का सिलसिला जारी। तेकुना पंचायत के उप मुखिया पर भी लगाया गया अविश्वास प्रस्ताव। जनप्रतिनिधियों में दिख रहा है खलबली।

सदर अस्पताल परिसर स्थित पुराने सिविल सर्जन कार्यालय में आग लग गई, जिससे काफी देर तक अफरा-तफरी मची रही। हालांकि, दमकल गाड़ी के आने के बाद आग पर काबू पाया गया। इस अगलगी में उस भवन में रखे ब्लीचिंग, चूना सहित पुराने कागजात जलकर राख हो गए। आग क्यों और कैसे लगी इसका पता नहीं चल पाया है। कोई बिजली शार्ट सर्किट से आग लगने का कारण बता रहा है तो कोई कुछ और। वैसे इस घटना के पीछे कोई साजिश होने की भी बात कही जा रही है। अस्पताल के कर्मियों ने बताया कि दोपहर के लगभग बारह बजे उस भवन से धुआं निकल रहा था और जबतक कोई कुछ समझ पाता तब तक आग की लपटें निकलने लगी। देखते ही देखते भवन के अंदर के भाग को आग ने अपने आगोश में ले लिया। सिविल सर्जन डा. ललन ठाकुर ने बताया कि प्रथम दृष्टया बिजली शार्ट सर्किट से आग लगना प्रतीत हो रहा है। वैसे छानबीन करवाएंगे। उन्होंने कहा कि उस भवन में चूना व ब्लीचिंग पाउडर रखा हुआ था जो बर्बाद हो गया। बहुत पहले की एक्सपायरी दवा भी रखी हुई थी। मालूम हो कि उक्त भवन में वर्षों पूर्व सिविल सर्जन कार्यालय चलता था। नये भवन बनने के बाद सिविल सर्जन कार्यालय वहां से हट गया और उसमें जिला यक्ष्मा केंद्र का कार्यालय चलने लगा। जब यक्ष्मा केंद्र को सदर अस्पताल के भवन में शिफ्ट किया गया तो उस पुराने भवन को परित्यक्त घोषित कर दिया। अब सवाल उठता है कि जब उसे परित्यक्त घोषित कर दिया गया तो उस भवन में बिजली कैसे थी। हालांकि, कई लोग दबी जुबान शार्ट सर्किट से आग लगने की बात को नकार रहे हैं। इसके पीछे कोई न कोई साजिश बताया जा रहा है। वैसे असलियत का पता तो जांच के बाद ही चलेगा।

जिले में शीतलहर और ठंड को देखते हुए कक्षा 1 से 8 तक के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन कार्यों को 18 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसको लेकर जारी आदेश में जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार ने कहा है कि जिले में चल रही भीषण शीतलहर और ठंड के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है। ऐसे में जिला पदाधिकारी द्वारा जारी आदेश के आलोक में कक्षा 1 से 8 तक के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य 16 से 18 तक स्थगित रखा जाएगा। इस दौरान सभी विद्यालय प्रधान समेत शिक्षक उपस्थित रहकर विद्यालय का अन्य गैर शैक्षणिक कार्यों का संपादन करेंगे।

मुख्य सड़क की बात कौन करे गांव की सड़कें भी अतिक्रमण का शिकार है। इससे आम लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। एक तो गांव की छोटी सड़क जिसकी चौड़ाई ही 10 से 12 फीट है और उसका भी लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। कहीं कोई सड़क को अतिक्रमण कर घर बनाए हुए है तो कहीं दलान बना रखा है तो कहीं लोगों के द्वारा जलावन, पुआल को सड़क से सटाकर रखने की परंपरा है। इतना ही नहीं सड़कों पर माल-मवेशी बांधना भी शान में शामिल है। करीब-करीब पिपरा प्रखंड के लगभग दर्जनों गांवों में यही स्थिति बनी हुई है जिससे हर आने-जाने वाले लोगों को घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी तो बीच सड़क पर बंधे मवेशी को राहगीरों द्वारा हटाया जाता है। यदि कोई भी राहगीर इन अतिक्रमणकारियों को मवेशी या जलावन हटाने की भी बात कहते है तो उनसे ही वे उलझ पड़ते हैं। आये दिन सड़क दुर्घटना में लगातार वृद्धि हो रही है और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठी है। प्रखंड के महत्वपूर्ण निर्मली चौक से कटैया, बथनाहा होते रतौली जाने वाली मुख्य सडक की स्थिति तो बिल्कुल दयनीय है। इस पथ पर कूड़ा का ढेर लगा हुआ है तथा जानवरों को बांध दिये जाने से बराबर दुर्घटना होती रहती है तथा वाहन चालकों की जान हमेशा सांसत में रहती है। गांवों में सड़क अतिक्रमण का शिकार होकर लगातार सिकुड़ती जा रही है। क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन से अविलंब सड़क को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की है।

मरौना प्रखंड मुख्यालय स्थित टीसीपी भवन मरौना में प्रखंड प्रमुख मंजुला देवी के खिलाफ लगे अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर मंगलवार को पंचायत समिति सदस्यों की विशेष बैठक होनी थी।लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पक्ष के सभी 6 पंसस अनुपस्थित रहे।लिहाजा प्रावधान के मुताबिक प्रखंड प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया और प्रखंड प्रमुख अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहीं।जिसके बाद समर्थको में खुशी देखी गई ।

बायसी पंचायत होकर बहनेवाली गम्हरिया तथा मधेपुरा उपशाखा नहर से निकलने वाली नहरी व माइनर बेकार होने से खून-पसीने की मेहनत से लगाई गई गेंहू व मकई की फसल अब पानी के लिए तरस रही है। बायसी पंचायत होकर बहने वाली मधेपुरा उपशाखा नहर से निकलने वाली नहरी लंबे समय से जर्जर होने के चलते किसान मजबूरी में पंपसेट से सिंचाई करने को मजबूर हैं।  बायसी के किसान चंदन मेहता, धनंजय मेहता, जयनारायण मेहता, पवन मेहता, रूपेश मेहता, अशोक मेहता, पुनीत मेहता, परमानंद मेहता, प्रेमदयाल मेहता, रामकुमार मेहता, गंगा मेहता आदि ने बताया कि मधेपुरा उपशाखा नहर से निकलकर बायसी वार्ड नंबर 13 में आने वाली नहरी की हालत लंबे समय से जर्जर है। जिसके चलते किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। इस नहरी से दर्जनों एकड़ खेतों की सिंचाई होती थी। लेकिन लापरवाही व उदासीनता के चलते यह नहरी नाकाम हो गई है। किसानों ने बताया कि मनरेगा से अगर इस नहरी की सफाई व मरम्मत करवा दिया जाए तो पानी की समस्या का समाधान हो जायेगा।