बहुत सारे लोगों को शौचालय का राशि नहीं मिला है उन्हें मिलना चाहिए

किशनपुर थाना क्षेत्र के किशनपुर दक्षिण पंचायत के वार्ड नंबर 10 स्थित फुलकाहा गांव में बिजली शाट-सर्किट से लगी आग में पांच परिवार का दस घर जलकर राख हो गया। वहीं इस घटना में एक बच्चे की झुलस कर घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई। जबकि दूसरे बच्चे का सदर अस्पताल सुपौल में इलाज चल रहा है। आग सर्वप्रथम गणेश मुखिया के घर के उपर से जा रही 440 वोल्ट तार में शाट-सर्किट हो जाने के करण लगी। जहां देखते ही देखते उनके पड़ोसी सुरेंद्र मुखिया के घर में लगने के बाद राणा मुखिया सहित नुनु लाल मुखिया, झरीलाल मुखिया के घर को आगोश में ले लिया। जिसमें सभी लोगों के घर में रखा अनाज, कपड़ा, बर्तन, नकदी, फर्नीचर का सामान सहित जमीन के कागजात सहित करीब दस लाख की संपत्ति जलकर राख हो गई। वहीं गणेश मुखिया के घर में रखी एक मोटरसाइकिल व 50 हज़ार नकदी व चार बकरी भी झुलसकर जल गई। सुरेंद्र मुखिया के घर में आग लगने के कारण उनका पुत्र संतोष कुमार (10) की झुलसकर मौत हो गई। वहीं उनका नाती चंदन कुमार (3) भी बुरी तरह से झुलस गया। जिसका उपचार सदर अस्पताल में चल रहा है। अगलगी की इस घटना में गणेश मुखिया और सुरेंद्र मुखिया के घर में रखा गैस सिलेंडर भी ब्लास्ट हो गया। इधर आग लगने के सूचना पर पहुंची दमकल की दो गाड़ी ने आग पर काबू पाया। इधर सुरेंद्र मुखिया मजदूरी करने के लिए अन्य प्रदेश गया हुआ है। बच्चे की मौत के बाद मृतक के घर कोहराम मचा हुआ है। फिलहाल सभी पीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हैं। मामले में सीओ संध्या कुमारी ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही राजस्व कर्मचारी को जांच के लिए स्थल पर भेजा गया है और तत्काल सभी पीड़ित परिवार को पालिथीन की व्यवस्था किया जाएगा। उसके बाद सरकार की ओर से मिलने वाली सहायता दी जाएगी। वहीं थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार राय ने बताया कि घटना कि सूचना मिलते ही अधिकारी भेजकर शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल सुपौल भेजा जा रहा है।

मजुरवा खास रैयती जमीन सर्वदलीय रेलवे संघर्ष समिति का धरना चौथे दिन निरंतर जारी रहा। धरना की अध्यक्षता कामरेड जयनारायण यादव ने की, जबकि संचालन कामरेड जन्मजय राई के द्वारा किया गया। धरना को दर्जनों किसान एवं सभी राजनीतिक दल के नेताओं ने संबोधित करते हुए त्रिवेणीगंज अनुमंडल मुख्यालय परिसर पशु हास्पिटल में लोगों ने अपनी मांग रखी। बिहार राज्यपाल के द्वारा 11/11/2014 को गैर मजुरवा खास (मालिक) दिये गये आदेश का अनुपालन क्यों नहीं, पीड़ित परिवारों का जमीन के मुआवजा के साथ क्षतिपूर्ति अविलंब करें, गैर मजुरवा खास मालिक अराजीदार या भूधारी रैयती जमीन पर लगे सभी प्रतिबंध वापस लो, विस्थापित करने से पहले स्थापित करने की गारंटी करो, गैरमजुरवा खास रैयती जमीन में रेलवे द्वारा अनाधिकृत भूमिहीन अधिग्रहण जमीन मकान का मुआवजा दो, गैर मजुरवा खास रैयती जमीन की जमाबंदी रद्द करने की साजिश बंद करो, गैर मजुरवा खास रैयती जमीन की जमाबंदी रद्द करने की साजिश बंद करो आदि उनकी प्रमुख मांगें हैं। धरना के समर्थन में राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव सह पूर्व विधायक यदुवंश कुमार यादव ने सभा को संबोधित किया एवं गैर मजुरवा खास रैयती जमीन बचाओ सर्वदलीय संघर्ष समिति को पूर्णरूपेण समर्थन देने का वादा किया। धरना को राज़द नेता कपलेश्वर यादव, राजद नेता सज्जन कुमार संत, राजद जिलाध्यक्ष संतोष सरदार, माले नेता अच्छे लाल मेहता, कामरेड राजेश कुमार यादव, बसंत यादव ने भी संबोधित किया। मौके पर जाप नेता रामानंद यादव, माले से महिला नेत्री चंदा देवी, बौधि यादव, हेलारियन सिंह, श्रवण यादव, अखिलेश यादव, मु. मुस्लिम, भगवानदत्त यादव, परमानन्द यादव, रामदेव यादव, नीतीश कुमार यादव, नवल किशोर मेहता आदि मौजूद थे।

वर्ष 2010 में कोसी नदी के प्रलयकारी कटाव से विस्थापित होकर पूर्वी कोसी तटबंध के 34 .10 स्पर पर आकर बसे 30 से अधिक परिवार के लोग कई प्रकार की कठिनाइयों को झेलने को विवश हैं। इनमें से अधिकांश परिवार को सरकार द्वारा पुनर्वास हेतु जमीन दी गई लेकिन कुछ ही परिवार पुनर्वास की जमीन में पहुंचे बाकी लोग स्पर पर ही रहना पसंद कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि जहां पुनर्वास की जमीन दी गई है वहां उस जमीन के अलावे और जमीन नहीं है जिसमें खेती-बाड़ी कर वह सब अपने परिवार का भरण पोषण कर सके। उसी के चलते पूर्वी तटबंध के स्पर पर रह रहे हैं और इस उम्मीद में है कि कोसी नदी कभी ना कभी उसके जमीन को उपजाऊ बना देगी और फिर उसका बंजर जमीन उपजाऊ बन जाएगा और खेती-बाड़ी शुरू कर अपने परिवार को आगे बढ़ने लगेंगे। लोगों ने बताया कि अभी उन लोगों को सरकार की बहुत कम ही सुविधा उपलब्ध होती है। स्तर पर बसे 30 से अधिक परिवार की महिलाओं का कहना था कि वह सब जिस तरह की जिंदगी जी रहे हैं उसे देखने वाला कोई नहीं है। चुनाव में भी उन लोगों की समस्या मुद्दा नहीं बनता है।

सुपौल जिले के सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय दाहूपट्टी के प्रांगण को स्थानीय कुछ लोगों द्वारा भैंस और गाय का बथान बना दिए जाने से छात्र-छात्राओं की परेशानी बढ़ने लगी है। शुक्रवार के दिन विद्यालय के कई छात्र-छात्राओं ने बताया कि विद्यालय के प्रांगण में लोग जबरन भैंस और गए बढ़ रहे हैं और विरोध करने पर भी उस पर रोक नहीं लग रही है। छात्र-छात्राओं का कहना था कि विद्यालय प्रांगण में भैंस और गाय के बंधे होने के कारण एक तो उन लोगों को खेलने में परेशानी होती है और दूसरा यह की बार-बार उसके हमले का खतरा रहता है जिस कारण खेलना छोड़ दिए हैं। विद्यालय प्रधान का कहना था कि वहां जो लोग गए और भैंस बांध करते हैं उसे बार-बार मना किया जाता लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता। जांच में जो पदाधिकारी आते हैं उन्हें भी शिकायत की जाती है लेकिन कार्रवाई नहीं होती है जिसके चलते बच्चे खेल नहीं पाए ठीक से पढ़ नहीं पाते।

सुपौल जिले के सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के 134 से अधिक सरकारी विद्यालयों में तैनात सफाई कर्मी को पिछले पांच माह से मानदेय नहीं मिलने से ऐसे सफाई कर्मियों में अब आक्रोश बढ़ने लगा है। सफाई कर्मियों की तैनाती विद्यालयों में साफ सफाई रखने के लिए की गई है और इसका जिम्मा एनजीओ को दिया गया है। एनजीओ द्वारा तैनात सफाई कर्मी पिछले 5 माह से विद्यालयों में साफ सफाई का काम करते हैं और अभी तक उन्हें एक भी पैसे भुगतान नहीं किए गए हैं जिससे उन सबों को परेशानी बढ़ती जा रही है। शुक्रवार के दिन प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय मेहता टोला पिपरा खुर्द वार्ड नंबर 6 के प्रांगण में मौजूद सफाई कर्मी महेश मंडल ने बताया कि वह सब पिछले सितंबर माह से विद्यालयों के लिए काम करते हैं लेकिन पैसे नहीं दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के हालात सभी सफाई कर्मियों के साथ है जिससे सफाई कर्मी पैसे पैसे के लिए भटक रहे हैं।

सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के झिल्ला गांव स्थित आंगनबाड़ी के बच्चे पिछले 15 वर्ष से फूस की झोपड़ी में पढ़ने को विवश हैं। सुपौल जिले के सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड क्षेत्र में आंगनबाड़ी के 145 केंद्र संचालित है जिसमें से कम ही के पास अपना भवन है। जिन आंगनबाड़ी केदो को अपना भवन नहीं है उसमें से अधिकांश का संचालन कहीं सेविका के आंगन में तो कहीं सहायिका के आंगन में हो रहा है। झोपड़ी में चलते आंगनबाड़ी को लेकर अब गांव के लोगों में आक्रोश बढ़ने लगा है।

त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र की पथरागौरधैय पंचायत के वार्ड नंबर 8 भूरा गांव में गुरुवार की रात्रि चोरों ने घर में घुस कर जेवरात, नकदी सहित करीब 11 लाख रुपये के सामान की चोरी कर ली। घटना भगीरथ ठाकुर के घर में हुई। पीड़ित गृहस्वामी ने बताया कि रात में अपने आवास में दूसरे कमरे में सोए हुए थे। देर रात चोर उनके एक अन्य कमरे का ताला तोड़कर घर के अंदर घुसा और आलमारी का ताला तोड़ उसमें रखे करीब 8 लाख के गहने और तीन लाख कैश की चोरी कर ली। इस बात की जानकारी सुबह हुई। घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंच कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

गत 6 फरवरी से लापता बालक का सुराग नहीं मिलने से निराश परिजनों ने  करजाईन थाना में आवेदन देकर जल्द से जल्द बरामदगी की गुहार लगाई है। इस बारे में थानाक्षेत्र के मंशापुर निवासी लापता बालक आदित्य कुमार वर्मा (15 वर्ष) के पिता संजय कुमार वर्मा ने करजाईन थाना में आवेदन देकर बताया कि मंगलवार की सुबह में उसका पुत्र आदित्य कुमार वर्मा घर से उत्क्रमित मध्य स्कूल बायसी गढ़ी पढ़ने के लिए घर से निकला। शाम हो जाने के बाद भी घर नहीं पहुंचने पर घर के सदस्य उसकी खोजबीन शुरू की। लेकिन कुछ सुराग नहीं मिला। पीड़ित पिता ने पुलिस प्रशासन से लापता बालक का जल्द सुराग लगाने की गुहार लगाई है। इस बारे में करजाईन थानाध्यक्ष लालजी प्रसाद ने बताया कि पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है।

बिहार लोकल बाडीज इम्प्लाइज फेडरेशन सुपौल के बैनर तले नगर परिषद सुपौल में चल रही हड़ताल बुधवार को समाप्त हो गई। समझौते के बाद नपकर्मी हड़ताल से वापस लौट गए। फेडरेशन के प्रदेश संगठन मंत्री मो. असजद आलम ने बताया कि बुधवार को मुख्य पार्षद द्वारा आपातकालीन बैठक का आयोजन किया गया। विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के उपरांत नगर परिषद के अधिकारी व कर्मचारियों की सुरक्षा का भरोसा दिया गया। संबंधित वार्ड पार्षद अजीत कुमार आर्य द्वारा भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने की बात रखी गई। मुख्य पार्षद और बोर्ड के द्वारा सम्मानजनक समझौता होने के फलस्वरूप फेउरेशन द्वारा हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया गया। ज्ञात हो कि नगर परिषद वार्ड नंबर छह के वार्ड पार्षद के द्वारा अपने सहयोगियों के साथ कार्यपालक पदाधिकारी एवं अन्य कर्मियों को अपशब्द कहने, हिंसक घटनाओं को अंजाम देने की धमकी एवं अमर्यादित व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए नगर परिषद के सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। इस आशय का आवेदन कर्मियों ने मुख्य पार्षद को देते हुए हड़ताल पर जाने की जानकारी दी थी।