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खाद्य सामग्री के मूल्य पर नियंत्रण पाने और बाजार को संतुलित बनाए रखने के लिए भारत सरकार ने अनूठी शुरुआत की है। एनसीसीएफ से जुड़े अधिकृत विक्रेताओं के माध्यम से खाद्य सामग्री की दुकानें खोली जा रही हैं। ताकि आम परिवार उचित मूल्य पर खाद्य सामग्री की खरीद कर सके। अधिकृत विक्रेता जेजीजी फर्म फूड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड सहरसा के द्वारा मुख्यालय में दुकान खोला गया है। दुकान में उचित मूल्य पर खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई गई है। स्थानीय विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू ने फीता काटकर दुकान का उद्घाटन किया। मौके पर सुपौल नगर परिषद के मुख्य पार्षद राघवेंद्र झा राघव, संचालक रवि पांडेय के अलावे स्थानीय भाजपा नेता व कई गणमान्य मौजूद थे। इस अवसर पर विधायक ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने महंगाई पर नियंत्रण की दिशा में अच्छी शुरूआत की है। सरकारी स्तर पर कस्बाई इलाके तक इस प्रकार का दुकान खोला जा रहा है। ताकि खाद्य सामग्री के मूल्य पर नियंत्रण हो और बाजार को संतुलित बनाये रखा जा सके। मौके पर शालिग्राम पांडेय, सुशील प्रसाद कर्ण, ललितेश्वर पांडेय, सुशीला देवी, शिवकुमार भगत, केशव कुमार गुड्डू, गौरीशंकर भगत, सुरज चंद्र प्रकाश, सत्य प्रकाश आदि मौजूद थे।

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निर्मली(सुपौल) : नगर के वार्ड संख्या 07 स्थित कोका कोला एजेंसी में बुधवार की रात चोरों ने सीसीटीवी कैमरे के तार को काटकर चोरी की घटना को अंजाम देने का कोशिश किया।लेकिन चोर चोरी करने में असफल रहा है।घटना की जानकारी तब हुआ जब दुकान के स्टाफ सुबह दुकान खोलने पहुंचे।जिसके बाद उन्होंने घटना की जानकारी दुकान संचालक को दिया।सूचना पाकर मौके पर दुकान संचालक पहुंचे और घटना से अवगत हुए।घटना को लेकर दुकान संचालक अभिषेक नायक ने बताया कि अज्ञात चोरों के द्वारा एजेंसी में घुसकर चोरी करने का प्रयास किया गया लेकिन चोर असफल रहे। उन्होंने कहा कि चोर सिर्फ गल्ले में रखे मात्र 500 रुपए ही चुरा पाए,फिर स्टोर रूम के दरवाजा का तोला तोड़ने लगा,लेकिन ताला तोड़ने के दौरान खट-खट की आवाज सुनाई देने पर आसपास के लोग नींद से जग गए।लोगो के जगते ही चोर वहां से भाग निकले।कहा कि इससे पूर्व भी चोरों द्वारा कई बार हमारे प्रतिष्ठान में चोरी की घटना को अंजाम दिया जा चुका है,जिससे संबंधित आवेदन पुलिस को भी दिया गया था लेकिन घटना को कई साल बीतने वाले है लेकिन पुलिस अबतक चोर पर कारवाई नही कर सके।उन्होंने कहा कि बीती रात हुई इस घटना को लेकर भी थाना को आवेदन दिया जाएगा।

थाना क्षेत्र के धरहरा वार्ड 14 में बीते चार जनवरी की रात एक ज्वेलरी दुकान में हुए सेंधमारी कर चोरी की घटना में पुलिस ने गुरुवार को तीन संलिप्त बदमाशों को चोरी किए सामानों के साथ गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की। थानाध्यक्ष रजनीश कुमार केशरी ने बताया कि बीते 5 जनवरी को धरहरा पंचायत के धरारा वार्ड 14 विवेक चांदमारीवार्ड 14 निवासी प्रिंस कुमार सोनी ने चार जनवरी की देर रात अपने सोना चांदी की ज्वेलरी दुकान से दीवार तोड़कर अज्ञात चोरों द्वारा चार किलो चांदी के जेवरात सहित अन्य सामानों के चोरी होने को लेकर आवेदन दिया। मामले में केस दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया। इसी क्रम में गुप्त सूचना के आधार पर धरहरा वार्ड 15 निवासी कुंदन कुमार को उसके घर से चोरी किए चांदी का बड़ा दीप एक पीस, चांदी का छोटा दीप एक पीस, चांदी की अंगूठी 3 पीस, लाल रंग के मोती का माला 7 पीस, पीले रंग का मोती माला 8 पीस, चांदी का बलिया 2 पीस के साथ गिरफ्तार किया। वहीं पूछताछ के बाद कुंदन के निशानदेही पर धरहरा वार्ड 15 निवासी दिलीप कुमार यादव को उसके घर से चांदी का कड़ा 1 पीस, चांदी की अंगूठी 2 पीस, चांदी का बलिया 6 पीस के साथ गिरफ्तार किया। इसके बाद निशानदेही पर किशनपुर थाना क्षेत्र के बेलही शिवपुरी वार्ड 5 निवासी शिव शंकर कुमार के महीपट्टी दुकान से चांदी का बलिया 12 पीस, चांदी का बजरंगबली लॉकेट 11 पीस, चांदी का चांद 3 पीस, चांदी का दुर्गा माता 5 पीस, चांदी का मेडल 2 पीस, तांबा जंतर 60 पीस, गिलट का जंतर 40 पीस बरामद किया। बताया कि आरोपियों के पास से बरामद सामान को जब्त कर लिया। वहीं आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है। --------------

सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के देवघर-भुलिया गांव के लोगों ने राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कोसी के गांव के लोगों को भी प्रधानमंत्री आवास लाभ देने की मांग की है। गांव के अधिकांश लोगों का कहना है कि उन सबों को प्रधानमंत्री आवास से अलग रखा जा रहा है। कुछ लोगों को आवास दिया गया है लेकिन उसकी संख्या बहुत कम है जबकि प्रत्येक परिवार को आवास मिलना चाहिए। गांव के युवाओं ने बताया कि कोसी के गांव में सरकार की कई योजनाएं चलती है उसमें कुछ योजनाओं में पक्का भवन का निर्माण भी कराया जाता है। युवाओं का कहना था कि जब पक्का भवन निर्माण में सरकार भारी भरकम राशि खर्च करती है तो आवास की राशि लोगों को क्यों नहीं मिल सकती। गांव के अधिक से अधिक युवाओं का कहना था कि कोसी नदी से प्रभावित सभी गांव के लोगों को प्रधानमंत्री आवास लाभ दिया जाना चाहिए ताकि उन सबों की भी फूस की झोपड़ी पक्का भवन में बदल सके। भुलिया गांव की महिलाओं का भी कहना था कि उन सबों को कास-पटेर से बने घर में रहने में कठिनाई होती है। अगर पक्का भवन नहीं बनवाया जाता तो कम से कम चदरा का भवन भी जरूर मिलना चाहिए जिसमें लोग सुकून से रह सके। महिलाओं का कहना था कि तटबंध के बाहर बसे लोगों को सरकार आवास लाभ तो दे रही है लेकिन अंदर बसे लोगों को यह लाभ नहीं मिलता है। कुछ वैसे लोगों को मिलता है जिनका जमीन तटबंध से बाहर है लेकिन उसकी संख्या बहुत कम है। सरकार कोसी के अंदर बसे लोगों को भी आवास लाभ दे।

छातापुर प्रखंड प्रमुख आशिया देवी पर अविश्वास प्रस्ताव को पारित कराने हेतु निर्धारित आज पंचायत समिति की विशेष बैठक हुई। प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर स्थित ललित नारायण सभागार में बुलाई गई बैठक में पंचायत समिति सदस्यों की आधे से भी कम उपस्थिति के कारण अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया। अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो जाने के बाद वर्तमान प्रखंड प्रमुख आशिया देवी का पद पर कब्जा बरकरार रह गया। प्रखंड क्षेत्र के कुल 33 पंचायत समिति सदस्यों में प्रखंड प्रमुख आशिया देवी सहित 17 पंचायत समिति सदस्य बैठक से अनुपस्थित रहे। जबकि प्रखंड उपप्रमुख संजय कुमार यादव सहित 16 सदस्य बैठक में शामिल हुए। प्रखंड प्रमुख की अनुपस्थिति में बैठक की अध्यक्षता उपप्रमुख ने की, कार्यपालक पदाधिकारी सह बीडीओ रीतेष कुमार सिंह की मौजूदगी में पूर्व निर्धारित समय पूर्वाहन 11 बजे बैठक शुरू हुई। बैठक शुरू होने के बाद अगले तीन घंटे तक पंचायत समिति सदस्यों के आने का इंतजार किया गया। इस अवधि के बीच उपप्रमुख के अलावे मात्र 15 पंचायत समिति सदस्य ही बैठक में शामिल हुए। जानकारों की मानें तो अविश्वास प्रस्ताव को पारित कराने हेतु वोटिंग के लिए 17 सदस्यों की दरकार थी। इस प्रकार प्रखंड प्रमुख पर लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को बिना वोटिंग कराये ही खारिज कर दिया गया। बीडीओ ने पूछने पर बताया कि विशेष बैठक में निर्धारित अवधि तक प्रखंड उपप्रमुख सहित 16 सदस्य शामिल हुए। जबकि प्रखंड प्रमुख सहित 17 सदस्य अनुपस्थित रहे। प्रखंड उपप्रमुख के द्वारा संख्या बल आधे से भी कम रहने के कारण अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। इधर प्रखंड कार्यालय परिसर के बाहर घंटों से जमा भीड के बीच गहमागहमी बनी रही। अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो जाने की जानकारी फैलते ही अविश्वास के विपक्ष में खडे़ समर्थकों के बीच जश्न का माहौल बन गया। वहीं अविश्वास के पक्ष में जमे लोगों के बीच उदासी का आलम देखा गया। विशेष बैठक को शांतिपूर्वक संपन्न कराने हेतु सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे। सीओ उपेंद्र कुमार वरीय दंडाधिकारी तथा बीसीओ द्वय अरूण कुमार व प्रदीप कुमार दंडाधिकारी के रूप में स्थल पर प्रतिनियुक्त थे। वहीं भीमपुर थानाध्यक्ष अमरनाथ कुमार, छातापुर थाना के पुअनि द्वय आजाद लाल मंडल व शकुंतला चंदन के साथ सशस्त्र बल परिसर व मेन गेट पर तत्पर दिख रहे थे

सदर प्रखंड की पिपराखुर्द पंचायत के चकडुमरिया गांव में अयोध्या से आये अक्षत और प्रभु श्रीराम मंदिर का भव्य चित्र एवं आमंत्रण अशोक कुमार शर्मा उर्फ अशोक सम्राट के द्वारा गांव में दिया गया। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा होने जा रहा है। उस दिन सभी राम भक्तों से आग्रह है कि अपने-अपने पूजा घर एवं मंदिर की सफाई करने के बाद नहा धोकर रामायण पाठ, कीर्तन-भजन आदि करें एवं शाम में दीप जलाकर दीपावली मनायें। सनातनियों का सदियों पुराना सपना साकार हुआ है। प्राण-प्रतिष्ठा के दिन गांव के ठाकुरबाड़ी में 24 घंटे का अखंड हरि कीर्तन अष्टयाम का आयोजन किया गया है। सभी व्यक्ति अपने घरों को रंगोली, तोरण द्वार से सजाएंगे भगवा झंडा लगाएंगे एवं शाम में दीपोत्सव मनाया जाएगा। पूरे गांव में दीपावली सा दृश्य होगा। पूजित अक्षत एवं प्रभु श्रीराम मंदिर का भव्य चित्र सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी बिंदेश्वरी शर्मा, बमभोला शर्मा, सेवानिवृत्त शिक्षक देवनारायण चौधरी, गणपत शर्मा, ठाकुरबाड़ी के पुजारी देवनारायण दास, साहेब दास, शिवन राम, शिवशंकर चौधरी, राधेश्याम मंडल, ब्रह्मदेव यादव सहित पूरे गांव में घर-घर दिया गया। कार्यक्रम में विजय चौधरी, कमल कुमार शर्मा, रामविलास शर्मा, विजय शर्मा, उमेश यादव, वासुदेव शर्मा, श्यामसुंदर मंडल, रौशन कुमार, यश, लिशा, दिवाकर सहित गांव के कई लोगों ने हिस्सा लिया।

सिंचाई की समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने किसानों को समूह में नलकूप देने की योजना बनाई है। मकसद है कि वैसे लघु और सीमांत किसान जो नलकूप स्थापित करने में आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है वैसे किसान भी इस योजना का लाभ उठाकर फसलों की सिंचाई आसानी से कर सके। योजना को लेकर किसानों को अनुदान भी दिए जाने की व्यवस्था दी गई है। परंतु विडंबना देखिए कि इतने बड़े महत्वपूर्ण योजना के लिए विभाग को किसान ही नहीं मिल पा रहे हैं। या यूं कहे कि किसानों तक या तो योजना की जानकारी नहीं पहुंच पा रही है या फिर किसान योजना में रुचि नहीं ले पा रहे हैं। स्थित है कि इसके क्रियान्वयन को लेकर विभाग दिसंबर माह में ही किसानों से आवेदन लिए जाने की व्यवस्था की है, परंतु अब तक एक भी आवेदन विभाग को प्राप्त नहीं हो पाया है। उसमें भी तब जब कोसी की किसानी में आज भी सिंचाई एक बड़ी समस्या बनी हुई है। दरअसल सरकार सात निश्चय दो के तहत सूक्ष्म सिंचाई हेतु सामूहिक नलकूप योजना चलाई है। इस योजना के तहत कम से कम दो किसानों का समूह बनाना होता है। इन किसानों के पास कम से कम आधा एकड़ जमीन होनी चाहिए। इस समूह को विभाग 80 फीसद अनुदान पर बोरिंग के साथ-साथ मिनी स्प्रिंकलर भी उपलब्ध कराती है। बावजूद योजना को लेकर किसानों का आगे नहीं आना फिलहाल विभाग के लिए एक मुसीबत बनी हुई है। विभाग की माने तो आवेदन करने की स्थिति यदि यही रही तो फिर एक बार जिले में सिंचाई की यह व्यवस्था बृहद रूप नहीं ले पाएगी। हर खेत को पानी उपलब्ध कराने को लेकर सरकार ने हाल के दिनों में कई तरह की व्यवस्था कर रखी है। जहां खेतों तक बिजली पहुंचाई जा रही है वहीं सिंचाई की नई तकनीक ड्रीप, स्प्रिंकलर से लेकर नलकूप तक की व्यवस्था अनुदानित दरों पर कर रखी गई है। परंतु सरकार की यह व्यवस्था आज भी किसानों तक नहीं पहुंच पाई है। इसके लिए कहीं न कहीं विभागीय उदासीनता या फिर किसानों का परंपरागत सिंचाई से अलग नहीं हटने की मानसिकता योजना के पथ में रोड़ा अटका रहा है। ----------------------------------- योजनाओं के प्रति जागरूक नहीं हो रहे किसान भले ही सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में योजनाओं की भरमार सी लगी हुई है। विभिन्न तरह की योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने के लिए विभाग में पदाधिकारी व कर्मियों की एक फौज सी खड़ी है। बावजूद कई ऐसी योजना है जो विभागीय उदासीनता के कारण किसानों तक नहीं पहुंच पा रही है। ऐसे कर्मी और पदाधिकारी किसानों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसका नतीजा होता है कि किसान नई योजनाओं के प्रति जागरूक ही नहीं हो पाते हैं। हालांकि यदा- कदा जब कभी भी किसानों को जागरूक किया जाता है तो कुछ प्रगतिशील किस्म के किसान ही योजना का लाभ उठा पाते हैं। शेष बचे किसान जानकारी के अभाव में योजना का लाभ नहीं उठा पाते हैं। फिलहाल सामूहिक नलकूप योजना कुछ इसी और इशारा कर रहा है। इस महत्वपूर्ण योजना को लेकर आवेदन लेने की प्रक्रिया को शुरू हुए करीब एक माह से अधिक समय बीत चुका है। परंतु एक भी किसानों का आवेदन विभाग को प्राप्त नहीं होना कहीं न कहीं विभागीय कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह कर कर रहा है। जबकि रबी फसल की सिंचाई जिले में जोरों पर है। अल्प संसाधन के बावजूद किसान महंगी सिंचाई को विवश है।