सुपौल सदर प्रखंड के सीहे गांव में अतिक्रमण खाली करने पहुंची प्रशासन की टीम का ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया .दरअसल भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बन रहे एनएच 527 ए सड़क निर्माण को लेकर भूमि अधिग्रहण का कार्य चल रहा है। जिसमे रैयतों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है की अधिगृहित जमीन और संरचना का कई रैयतों को भुगतान नहीं किया गया है। आरोप यह भी लगाया गया है कि जिसे भुगतान किया गया है उनसे भु-अर्जन विभाग के कर्मी द्वारा मोटी कमीशन ली गई. इसके बावजूद भी कई ऐसे लोग है जिन्हे पूर्ण रूप से भुगतान नहीं किया गया और इस बीच सीओ सदर आज पुलिस बल और संबंधित विभागीय कर्मी के साथ स्थल पर पहुंच कर अतिक्रमण खाली करवाने लगे। जिससे लोगों का गुस्सा भड़क उठा और लोगो ने जमकर हंगामा किया। स्थिति की नजाकत को देखते हुए प्रशासन की टीम ने स्थानीय गणमान्य लोगों के मदद से मामला को काफी मशक्कत के बाद शांत किया और अतिक्रमण खाली कराने की कवायद शुरु कर दी और लोगो से उनकी शिकायत का आवेदन उच्य अधिकारीयों को देने को कहा गया .मालूम हो कि भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली यह सड़क मधुबनी के उच्चैठ स्थान से सहरसा महिषी के तारा स्थान तक जाएगी। यह सड़क तीन धार्मिक स्थलों को जोड़ेगी और आर्थिक दृष्टीकोण से ये काफी महत्वपुर्ण मानी जाती है .

सुपौल : उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय सुखपुर में इंटर का परीक्षार्थी 10 मिनट लेट पहुंचा तो एंट्री से रोका गया विरोध में छात्रों ने परीक्षा केंद्र के सामने मुख्य द्वार पर सुपौल सुखपुर मुख्य मार्ग को जमकर विरोध प्रदर्शन करते हुए नजर आए।परीक्षार्थी का कहना है कि वो महज सेंटर पर दस मिनट लेट हुआ और उसे जाने से रोक दिया ऐसे में वो अब सुखपुर सुपौल मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर विरोध प्रदर्शन पर सड़क पर बैठ कर कर रहे है।

समाहरणालय स्थित लहटन चौधरी सभागार में जिलाधिकारी सह अध्यक्ष जिला पशु क्रूरता निवारण सोसाईटी सुपौल की अध्यक्षता में जिला पशु क्रूरता निवारण सोसाईटी, सुपौल के कार्यकारिणी का पुनर्गठन हेतु आम सभा की बैठक आयोजित की गई। जिसमें जिला पशुपालन पदाधिकारी , अवर प्रमंडल पशुपालन पदाधिकारी, सुपौल, जिला नोडल पदाधिकारी, पशु क्रूरता, सुपौल एवं पशु क्रूरता के सभी कार्यकारिणी सदस्य एवं अन्य सदस्यों ने बैठक में भाग लिया। कार्यकारिणी के सदस्यों का गठन आम सभा के माध्यम से पूर्ण किया गया। बैठक का मुख्य उद्देश्य पशुओं में हो रहे क्रूरता के निवारण के लिए जिला पशु क्रूरता निवारण सोसाईटी का पुनर्गठन करना था, ताकि पशुओं में हो रहे क्रूरता को रोका जा सके।

सुपौल के बागान में उपजने वाली चाय पत्ती की खुशबू प्याली में बिखरेगी और लोग यहां की चाय से गुड मार्निंग करेंगे। चाय के साथ-साथ जिले में अनानास व ड्रैगन फ्रूट की भी खेती की जाएगी। फिलहाल विभाग ने इन सभी खेती के लिए पहल शुरू कर दी है। इससे कोसी प्रभावित सुपौल जिले का न सिर्फ देश भर में कद बढ़ेगा बल्कि इस इलाके में कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी। अब तक यह जिला अन्न उत्पादन मामले में ही अपनी पहचान कायम किया हुआ है लेकिन चाय की खेती शुरू होने के बाद जिला को औद्योगिक क्षेत्र में भी पहचान मिल पाएगी। दरअसल कृषि विभाग के सचिव की पहल पर जिले में चाय, ड्रैगन फ्रूट और अनानास की खेती करने की पहल शुरू की गई है। सचिव के निर्देश के बाद विभाग ने जिले में चाय खेती की संभावना की तलाश शुरू कर दी है। इसके लिए विभाग ने न सिर्फ कमर कस ली है बल्कि चाय खेती को ले रोड मैप भी तैयार कर लिया है। विभागीय अधिकारी गांव-गांव घूम कर चाय खेती के अनुकूल जमीन की पहचान करने के साथ-साथ उस क्षेत्र के किसानों को भी इस खेती को ले प्रेरित कर रहा है। --------------------------------- किसानों से हुई है विभाग की बात पिछले दिनों सहरसा प्रमंडल के संयुक्त निदेशक शस्य के साथ जिला कृषि पदाधिकारी अजीत कुमार यादव तथा सहायक निदेशक उद्यान अमृता कुमारी ने जिले के बसंतपुर और छातापुर प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर चाय खेती की संभावना की तलाश की है। इन अधिकारियों ने चाय खेती के अनुकूल खेतों की पहचान कर आसपास के कृषकों से भी बात की है। विभाग द्वारा बसंतपुर प्रखंड के भवानीपुर तथा पुरैनी गांव में करीब 40 एकड़ जमीन की पहचान की है जहां चाय की खेती की जा सकती है। विभाग ने यहां के किसानों के साथ बैठक कर उन्हें इस खेती के बारे में जानकारी दी है। विभाग की माने तो यहां के किसानों ने भी चाय बागान लगाने के प्रति उत्सुकता दिखाई है। हालांकि जिन खेतों की पहचान विभाग द्वारा चाय खेती के लिए की गई है उसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी तत्पश्चात चाय खेती के विशेषज्ञों द्वारा मिट्टी की जांच बाद ही उन्हें हरी झंडी दी जाएगी। ---------------------------------- किसानों को किया जा रहा जागरूक विभाग की माने तो इस योजना से सुपौल में चाय उत्पादन को गति मिलेगी और इससे जुड़े किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। इसके लिए किसानों को सरकार द्वारा तय मानक के अनुसार सुविधा प्रदान की जाएगी। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि सीमावर्ती जिला किशनगंज की पहचान तेजी से उभरते चाय उत्पादक इलाके के रूप में बनी है। इसी को देखते हुए विभागीय निर्देश के बाद जिले में भी इस खेती की शुरुआत करने की पहल की गई है। इसके लिए फिलहाल विभागीय स्तर से भूमि की पहचान व किसानों को जागरूक किया जा रहा है। ---------------------------- कहते हैं डीएओ जिला कृषि पदाधिकारी बताते हैं कि अन्न उत्पादन के साथ-साथ चाय व उद्यानिक फसल ड्रैगन फ्रूट, अनानास की खेती को बढ़ावा देने के लिए विभागीय प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल विभाग के स्तर से खेतों की पहचान व वहां की भौगोलिक स्थिति के साथ-साथ जलवायु की परख की जा रही है। इसके अलावा किसानों को भी इस खेती को ले जागरूक किया जा रहा है। खेतों की पहचान के बाद इसकी रिपोर्ट विभाग को भेजी जाएगी। इसके बाद विशेषज्ञों द्वारा इसकी जांच-पड़ताल के बाद ही या खेती शुरू की जाएगी।

महात्मा गांधी के बलिदान दिवस पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर कोसी पीड़ित अपनी मांगों को लेकर सत्याग्रह पदयात्रा शहर के बैरिया मंच से शुरू की। इस यात्रा को शहीद भगत सिंह के भांजे प्रो. जगमोहन सिंह ने रवाना किया। इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भगत सिंह की शहादत को गांधीजी ने अपनी शहादत देकर आगे बढ़ाया। कोसी की समस्याओं का समाधान नहीं करना और हर बाढ़ में जान-माल की तबाही नीतिगत हत्या है। इसके समाधान के लिए यह सत्याग्रह पदयात्रा मील का पत्थर साबित होगी। सारे पदयात्री सिर्फ़ अपने भले के लिए नहीं प्रकृति, पर्यावरण, खेती, आजीविका को समृद्ध करने के लिए चल रहे हैं। सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता दीपक ढोलकिया ने कहा कि कोसी के लोगों की सामूहिक शक्ति ही इसके समाधान का रास्ता निकालेगी। सरकारें आती-जाती रहेंगी। भारतीय सामुदायिक कार्यकर्ता संघ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद मूर्ति ने कहा कि गांधी उस समय के अंग्रेजों के खिलाफ लड़े और आप लोग आज की सरकार जिसने कोसी के लोगों को भूला दी है उनके खिलाफ निकल रहे हैं। मैं सत्याग्रह पदयात्रा को समर्थन करने आया हूं। कोसी नव निर्माण मंच द्वारा आयोजित इस पदयात्रा की शुरुआत बैरिया मंच पर सभा से हुई और सुपौल गांधी मैदान पहुंचने पर शहर के लोगों के साथ सभा आयोजित हुई। इस सभा की अध्यक्षता गांधीवादी अवध बाबू ने किया। कार्यक्रम में संगठन का मांग पत्र जिला सचिव आलोक राय ने रखा, विषय प्रवेश अध्यक्ष इंद्र नारायण सिंह ने किया, भुवनेश्वर प्रसाद, भगवान पाठक, चंद्र मोहन, अर्चना सिंह, किरनदेव यादव, कमलेश्वरी, मु. अब्बास, सीघेश्वर राय, महेंद्र यादव, आरिफ, घोघरारिया मुखिया एकता यादव, गोपालपुर सिरे के मुखिया सुरेंद्र यादव, सहरसा के इकबाल भुट्टो, परिषदीय अध्यक्ष संदीप आदि ने संबोधित किया। संचालन शोधार्थी राहुल यादुका ने किया वहीं धन्यवाद ज्ञापन रामचंद्र यादव ने किया। कार्यक्रम में शंभू, सतीश, सुभाष, रणवीर, जय प्रकाश धर्मेंद्र, शिव शंकर मंडल, प्रियंका, संजू, शनिचरी देवी आदि ने व्यवस्थापन किया। यात्रा गांधी मैदान से निकलकर, मल्लिक चौक होते पिपरा, बसबिट्टी चौक पर संवाद करते हुए बकौर पहुंची जहां मुखिया नंदन पंडित और विकास ने स्वागत किया। यात्रा में कोसी के अनेक गांवों के 60 महिला-पुरुष, पैदल चल रहे हैं। यात्री जगह जगह संवाद करते हुए 12 फरवरी को 250 किमी की दूरी तय कर पटना पहुंचेंगे। विदित हो कि कोशी उजड़े लोगों और पुनर्वास से वंचित लोगों पुनर्वासित कराने, कोसी पीड़ित विकास प्राधिकार को पुनः सक्रिय और प्रभावी बनाने, कोशी समस्या का जनपक्षीय समाधान, तटबंध के भीतर के माफ लगान की वसूली पर रोक लगाने, भू सर्वे के प्रविधानों में सुधार, और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, लगान मुक्ति कानून बनाने इत्यादि की मांग को लेकर सत्याग्रही पैदल चल पड़े हैं।

माक अभ्यास के दूसरे दिन उप कमाडेंट 9वीं वाहिनी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, गणपतगंज, सुपौल के द्वारा सुपौल अंचल स्थित बैरिया मंच के समीप नदी के पानी में माक अभ्यास किया गया। कार्यक्रम में वरीय उप समाहर्ता सह प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन ऋषव, जिला अग्निशामक के पदाधिकारी एवं सहयोगी, स्वास्थ्य विभाग के कर्मी के साथ-साथ स्थानीय आम जनता, गणमान्य एवं सुपौल, किशनपुर, सरायगढ़-भपटियाही, निर्मली एवं मरौना से आये आपदा मित्र सह गोताखोर उपस्थित हुए। प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन के द्वारा आगामी बाढ़ वर्ष 2024 के लिए बाढ़ से बचाव हेतु कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। उप कमांडेंट एवं उनके साथ आए प्रशिक्षित बल के द्वारा बाढ़ में डूबने से बचाव हेतु सुझाव दिए गए। पानी में डूबते हुए लोग को कैसे बचाया जाता है तथा अपने आप को कैसे सुरक्षित कर बचाया जाता है से संबंधित जानकारी दी गई। पानी में डूबे हुए व्यक्ति को बाहर निकाल कर तत्काल कैसे प्राथमिक उपचार किया जाता है इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। पानी पीये हुए व्यक्ति के शरीर से पानी कैसे निकाला जाता है इस संबंध में आम नागरिकों के बीच जानकारी दी गई। पानी में डूबे हुए व्यक्ति का हृदय आघात होने पर सीपीआर से संबंधित जानकारी डैमो बाडी के साथ दिया गया। पानी में डूबे हुए व्यक्ति को डाक्टर के पास एंबुलेंस में भेजने तक का डैमो प्रस्तुत किया गया। उप कमांडेंट, 9वीं वाहिनी, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, गणपतगंज, सुपौल के द्वारा आपदा मित्र एवं आम नागरिक जनता को बताया गया कि घरेलू सामान पानी की बोतल, गैलन, थर्मोकाल आदि से भी बाढ़ के समय या पानी में बचने हेतु उपयोग करने की जानकारी दी गई।

बुजुर्गों द्वारा सामूहिक भोज का आयोजन किया गया। बसंतपुर प्रखंड अंतर्गत निर्मली पंचायत के शिवनगर में शिवनगर ग्रामस्तरीय फेडरेशन के तत्वावधान में आयोजित इस बहुभोज में सैकड़ों की संख्या में बुजुर्गों ने भाग लिया। इस दौरान जाति-पांति व धर्म से ऊपर उठकर एक पांति में बैठकर भोजन कर बुजुर्गों ने वहां मौजूद युवा पीढ़ी को सामाजिक समरसता की पाठ सिखाई। इस मौके पर स्थानीय मुखिया कपिलेश्वर सिंह, अक्षयवट बुजुर्ग महासंघ के अध्यक्ष सीताराम मंडल, गोविंदपुर ग्राम स्तरीय फेडरेशन के अध्यक्ष मोहन मंडल, वयोवृद्ध कमलनारायण सिंह, स्वयंसेवी संस्था हेल्पेज इंडिया के पदाधिकारी ज्योतिष कुमार झा ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से समाज में बुजुर्ग जो अपने आप को अकेला महसूस करते हैं उनमें नया उमंग जगता है। कार्यक्रम के आयोजन में सामाजिक कार्यकर्ता बालगोविंद मेहता, श्याम सिंह सहित स्थानीय बुजुर्गों का सहयोग रहा।

निर्मली में डंपिंग प्वाइंट पर जमा कचरा को हटाने का कार्य शुरू।नमस्कार आप सुन रहे है,सुपौल मोबाइल वाणी और मैं हूं रौशन , आपको बता दे कि निर्मली में कचरा डंपिंग प्वाइंट पर लगा है कचरा सुपौल मोबाइल वाणी पर मंगलवार को सुनाया गया था।जिसके बाद आज गुरुवार को नगर के कचरा डंपिंग प्वाइंट पर जमा कचरे को हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है।हालंकि अब भी नगर पंचायत के कार्यशैली को लेकर लोग तरह तरह के सवाल खड़े कर रहे है।लोगो का कहना है की नगर पंचायत प्रशासन अपने कार्य के प्रति गंभीर नहीं है।विकास के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है।

रौशन राय, मरौना(सुपौल) : प्रखंड के बेलही पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय बेलही मुसहरी मे अध्ययनरत बच्चों के बीच निर्मली नगर निवासी रक्तवीर सूरज कुमार पाण्डेय अपने 26वें जन्मदिन को लेकर दर्जनों स्कूली बच्चों के बीच पठन-पाठन सामग्री का वितरण किया।बता दे कि पांडे ने स्कुली बच्चों को पठन पाठन के लिए कॉपी,कलम,स्लेट,पेन्सिल दिया।इस दौरान उन्होंने कहा की शिक्षा बगैर जीवन अधूरा है,इसलिए सभी को शिक्षा ग्रहण करना चाहिए।आगे उन्होंने ने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने के लिए बच्चो के बीच ग़रीबी बाधा नही बननी चाहिए।इसी उद्देश्य से आज बच्चो के बीच पठन-पाठन सामग्री का वितरण किया गया है।उन्होंने क्षेत्र के युवाओं से भी अपील किया है कि गरीब बच्चो को शिक्षा ग्रहण करवाने में मदद करे ताकि यही बच्चे आगे चलकर समाज के प्रति,देश के प्रति कुछ कर सके।वही बच्चो से अपील करते हुए कहा की बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से अपने क्लास आना चाहिए एवं अपने अध्यापक के प्रति सदा आदर का भाव रखना चाहिए।रक्तवीर पाण्डेय ने बताया कि मेरा जन्मदिन सदा समाज के सहोकार के क्षेत्र मे समर्पित रहा है।इससे पूर्व मेरे द्वारा बाढ़ की विभीषिका झेल रहे लोगों को मदद किया गया था।वर्तमान मे मेरे द्वारा बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है।मेरा मानना है कि शिक्षा से ही एक शिक्षित समाज, शिक्षित देश का निर्माण होगा।

निर्मली(सुपौल) : नगर में अवैध तरीके से चल रहे नर्सिंग होम, क्लीनिक,जांच घर पैथोलैब सेंटर आदि पर बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम छापेमारी करने पहुंचा ।छापेमारी टीम में अनुमंडलीय अस्पताल निर्मली के उपाधीक्षक डॉक्टर शैलेंद्र प्रसाद यादव सहित कई चिकित्सक व अन्य शामिल थे।लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि छापेमारी दल के पहुंचने से पहले ही नगर में संचालित सभी फर्जी अस्पताल और जांच घर बंद पाए गए ।लिहाजा स्थानीय लोगों में तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं, स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के मिली भगत से फर्जी अस्पताल व जांच घर संचालक अपना अस्पताल और जांच घर बंद कर भाग गया है। हालांकि लोगों का सवाल लाजमी है चुकी कहीं ना कहीं सवाल यह जरूर उठता है कि आखिर जांच टीम के पहुंचने से पहले ही नगर के सभी फर्जी अस्पताल और जांच घर बंद कैसे हो गए,कहीं ना कहीं या जांच का विषय बनता है। इधर छापेमारी टीम में शामिल अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश पर नगर में संचालित नर्सिंग होम,क्लिनिक अन्य का जांच करने हेतु छापेमारी किया गया लेकिन जांच टीम पहुंचने से पहले ही फर्जी तरीके से चल रहे नर्सिंग होम, क्लीनिक आदि के संचालक फरार हो गए। उन्होंने कहा कि मैं खुद इस बात को लेकर हैरान हूं कि छापेमारी अभियान अचानक शुरू किया फिर कैसे सभी फरार हो गया।उपाधीक्षक ने कहा कि नगर में कूल 36 नर्सिंग होम, क्लिनिक सहित जांच घर व अन्य संचालित है।जिसमे से मात्र 07 का निबंधन है,और बांकी से सभी अवैध है।वही कहा कि नगर में अवैध तरीके से संचालित सभी क्लीनिक,और जांच घरों को बंद करने हेतु नोटिस भेजा जा रहा है। नोटिस का अवहेलना करने वालों के खिलाफ अग्रतर की कारवाई की जाएगी।