त्रिवेणीगंज प्रखंड क्षेत्र के बरहकुरवा पंचायत के परतापुर स्थित जामा मस्जिद में मंगलवार को मस्जिदों के इमाम और उलेमाओं की एक दिवसीय बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल पटना के ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी मौलाना अबूल कलाम ने की। बैठक को संबोधित करते हुए मौलाना ने कहा कि बरकतों और रहमतों वाला महीना रमजानुल मुबारक आ रहा है। हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम रमजान के आने से पहले ही रोजा की तैयारी करते थे और अपने साथियों को रोजा की अहमियत बयान फरमाते और उसकी असलियत बताते थे, रमजान वह महीना है जिसमें कुरान नाजिल किया गया, जो इंसानों के लिए हिदायत और ऐसी तालिमात पर आधारित है जो सीधा रास्ता दिखाने वाली और गलत रास्तों से रोकने वाली है। इसलिए जरूरी है की इस मुकद्दस महीने का रोजा सभी लोग रखें। पैगम्बर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इस महीने की फजीलत और बरकत का महीना बताते हुए कहा की ऐ लोगों तुम्हारे सिर पर एक शानदार महीना आने वाला है, और इसमें एक रात है, जो एक हजारों रात से अधिक बेहतर है। अल्लाह तआला ने इस माह के रोजे को फर्ज और रात की नमाज यानी तराबीह को सुन्नत करार दिया है। और जो कोई इसमें एक फर्ज अदा करेगा तो मानों उसने किसी और महीने में सत्तर फर्ज अदा किए। और जो कोई एक नफिल अदा करेगा उसे फ़र्ज़ के बराबर सवाब मिलेगा। यह ऐसा महीना है जिसमें मोमिन का रिजक बढ़ा दी जाती है। जो कोई इस महीने में रोजा रखेगा उसके गुनाह माफ कर दिए जाएंगे और उसे जहन्नुम से मुक्ति मिल जाएगी। और जो कोई किसी रोजे दार को इफ्तार करायेगा उस को उतना ही सवाब होगा जितना रोजेदार के लिए है।