वर्ष 2010 में कोसी नदी के प्रलयकारी कटाव से विस्थापित होकर पूर्वी कोसी तटबंध के 34 .10 स्पर पर आकर बसे 30 से अधिक परिवार के लोग कई प्रकार की कठिनाइयों को झेलने को विवश हैं। इनमें से अधिकांश परिवार को सरकार द्वारा पुनर्वास हेतु जमीन दी गई लेकिन कुछ ही परिवार पुनर्वास की जमीन में पहुंचे बाकी लोग स्पर पर ही रहना पसंद कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि जहां पुनर्वास की जमीन दी गई है वहां उस जमीन के अलावे और जमीन नहीं है जिसमें खेती-बाड़ी कर वह सब अपने परिवार का भरण पोषण कर सके। उसी के चलते पूर्वी तटबंध के स्पर पर रह रहे हैं और इस उम्मीद में है कि कोसी नदी कभी ना कभी उसके जमीन को उपजाऊ बना देगी और फिर उसका बंजर जमीन उपजाऊ बन जाएगा और खेती-बाड़ी शुरू कर अपने परिवार को आगे बढ़ने लगेंगे। लोगों ने बताया कि अभी उन लोगों को सरकार की बहुत कम ही सुविधा उपलब्ध होती है। स्तर पर बसे 30 से अधिक परिवार की महिलाओं का कहना था कि वह सब जिस तरह की जिंदगी जी रहे हैं उसे देखने वाला कोई नहीं है। चुनाव में भी उन लोगों की समस्या मुद्दा नहीं बनता है।