लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने और बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए 10 फरवरी से अगले 17 दिन तक जिले में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) का आयोजन किया जा रहा है। उक्त कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा सेंटर फार एडवोकेसी एण्ड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से सदर अस्पताल परिसर में एकदिवसीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। सिविल सर्जन डा. ललन कुमार ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में सभी मीडिया कर्मियों से मीडिया के माध्यम से लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक करने और सरकार द्वारा चलाए जा रहे सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की गई। मीडिया कार्यशाला में डीआईओ डा. अजय कुमार झा, भीडीसीओ विपिन कुमार, पीसीआई के जिला कोार्डिनेटर प्रिंस कुमार, सीफार के स्टेट मीडिया कोार्डिनेटर अमन कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। सिविल सर्जन ने बताया फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जिसे आमतौर पर हाथी पांव भी कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षण हाथ और पैर या हाइड्रोसिल (अंडकोष) में सूजन का होना होता है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी पुष्टि होने के बाद जरूरी दवा सेवन से इसे रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है। लोगों को फाइलेरिया के लिए जागरूक करने में मीडिया की सशक्त भूमिका होती है। जिला वेक्टर नियंत्रण रोग पदाधिकारी विपिन कुमार ने बताया कि लोगों को फाइलेरिया संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए आशा व आंगनबाड़ी सेविका द्वारा लोगों को घर-घर जाकर अपनी उपस्थिति में डीइसी व अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। एमडीए कार्यक्रम के दौरान जिले के 13 लाख 99 हजार 216 लोगों को यह दवा खिलाई जाएगी। अभियान जिले के सदर सुपौल, सदर अर्बन, किशनपुर, सरायगढ़, राघोपुर, त्रिवेणीगंज, निर्मली के 331 वार्ड में चलाया जाएगा। जिसमें 2-5 वर्ष के 1,25,933 बच्चे 5-15 वर्ष के 3,35,809 बच्चे तथा 15 वर्ष से ऊपर के 9,37,474 लोगों को दवा खिलाई जाएगी। जिसके लिए 736 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर टीम, 74 सुपरवाइजर लगाया गया है। उन्होंने बताया 02 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों के अलावा सभी लोगों को दवा खिलाई जानी है। जिसके लिए 34 लाख 98 हजार 40 डीईसी तथा 13 लाख 99 हजार 216 अल्बेंडाजोल की दवा उपलब्ध कराई गई है।