किशनपुर प्रखंड परिसर में नियोजित शिक्षकों ने बिहार शिक्षक एकता मंच के बैनर तले विशिष्ट शिक्षा नियमावली के तहत सक्षमता परीक्षा के विरुद्ध में गठित विभागीय समिति बैठक की कार्यवाही की प्रति जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रखंड अध्यक्ष राकेश रंजन ने कहा कि शिक्षक नियोजन नियमावली के अनुसार 60 वर्ष के उम्र तक नियोजित शिक्षकों के नौकरी में बने रहने का प्रविधान है। सरकार का यह फैसला शिक्षक हित में नहीं है। यह फैसला शिक्षक नियोजन नियमावली के विपरीत है। नियोजित शिक्षकों को अलग-अलग फैसलों के तहत प्रताड़ित किया जा रहा है। कहा कि सरकार का यह फरमान कहीं से भी उचित नहीं है। अगर नियोजित शिक्षक असक्षम हैं तो इतने वर्षों से काम क्यों लिया जा रहा था। यदि नियोजित शिक्षक अक्षम हैं तो इनके द्वारा पढ़ाए गए बच्चे पढ़कर मैट्रिक, इंटर और आगे की पढ़ाई कैसे कर रहे हैं। कहा कि सरकार उन सभी की उचित मांगों को मानने की बजाय सेवामुक्त करने की बात करती है जो मानवीय मूल्यों के विपरीत और संविधान का उल्लंघन है। कहा कि नियमावली में कई त्रुटियां हैं जिसका निवारण करना शिक्षा विभाग का दायित्व है। शिक्षक-शिक्षिकाओं को विशिष्ट शिक्षक नियमावली का हर स्तर पर विरोध करना है। कहा कि कोई भी नियोजित शिक्षक आवेदन न करें संघ आश्वस्त करती है कि किसी की नौकरी नहीं जाएगी। चाहे संघर्ष कितना भी बड़ा करना पड़े। कहा कि सरकार के इस फैसले का राज्य भर के शिक्षक विरोध कर रहे हैं और हम अपनी चट्टानी एकता के बल पर सरकार को ऐसे आदेश को वापस लेने के लिए बाध्य कर देंगे। शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सक्षमता परीक्षा से संबंधित संशोधित नियमावली को जलाया। मौके पर शिक्षकों में नीतू कुमारी, सरिता कुमारी, रंजना राय, प्रीति कुमारी, भूपेंद्र कुमार, रामधारी शर्मा, पवन कुमार, अंजार आलम, तबस्सुम आरा, दुर्गेश कुमार, सोनित कुमार, महावीर प्रसाद, सोनित कुमार, प्रदीप कुमार, रविन्द्र कुमार सहित अन्य शिक्षक मौजूद थे।