कोसी प्रभावित सुपौल जिले की बंजर जमीन अब बेकार नहीं रहेगी। ऐसी जमीन में किसान औषधीय सुगंधित खस की खेती कर सकते हैं। इस खेती के लिए सरकार किसानों को मदद भी देगी। जिले में पहले दफे खस खेती को लेकर विभाग को लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इसके तहत जिले में इस वर्ष 15 हेक्टेयर खेतों में इसकी खेती की जाएगी। इस खेती पर विभाग द्वारा किसानों को 76125 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान दिया जाएगा। फिलहाल खस खेती को लेकर किसानों से आवेदन लिए जा रहे हैं। दरअसल राज्य के 9 जिलों में औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती के लिए जलवायु उपयुक्त पाया गया है। चिन्हित इन नौ जिलों में सुपौल भी शामिल है। चतुर्थ कृषि रोड मैप के तहत फसल विविधीकरण योजना के तहत इस खेती के लिए जिला को लक्ष्य देकर सुगंधित एवं औषधीय पौधों और शुष्क बागवानी फसलों के क्षेत्र का विस्तार किया जाना है। इस खेती पर किसानों को अनुदान देकर उनकी आय में वृद्धि किया जाना मुख्य मकसद है। ----------------------------- कृषि विभाग की बेवसाइट पर करना पड़ेगा आवेदन फसल विविधीकरण योजना के तहत खस खेती करने के इच्छुक किसान न्यूनतम 0.1 हेक्टेयर तथा अधिकतम चार हेक्टेयर क्षेत्र के लिए अनुदान का फायदा उठा सकते हैं। योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को उद्यान निदेशालय कृषि विभाग की बेवसाइट पर फसल विविधीकरण योजना पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। ---------------------------- किसानों की बढ़ेगी आमदनी खस एक प्रकार का घास है जो सुखे की स्थिति एवं जलजमाव दोनों में उगाया जा सकता है। इसकी खेती विभिन्न प्रकार की जमीन में आसानी से उगाया जा सकता है। खासकर वैसी जमीन जिसमें अन्य महत्वपूर्ण फसलों का उत्पादन नहीं किया जा सकता है वहां पर खस का उत्पादन कर भूमि का उपयोग एवं उसकी जड़ों से उच्च गुणवत्ता का तेल प्राप्त किया जा सकता है। इससे किसानों की आमदनी में वृद्धि की जा सकती है।