सरकार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु कई योजनाएं चला रखी है। गांव के लोग रोजगार से जुड़कर अपने आर्थिक हालात को ठीक करें उसके लिए भी तरह-तरह के कार्यक्रम है। लेकिन सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के गौरीपट्टी गांव में 200 से अधिक परिवार के जीवन का सहारा बना चटाई निर्माण कार्य को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है। महादलित वर्ग के सरदार जाति की महिलाएं चटाई निर्माण कर भपटियाही बाजार में बेचती है और उसे प्राप्त आय से घर का खर्ची चलती है। गांव की सभी महिलाएं चटाई निर्माण कार्य में दक्ष है लेकिन उसे कच्चा माल जैसे पटेर और राशि का स्टॉक करने के लिए पैसे नहीं होते जिसके कारण 6 माह के बाद रोजगार बंद हो जाता है। जबकि गांव की महिलाएं वर्ष भर उसे रोजगार को करना चाहती है लेकिन 6 माह के अंदर उसके पास जो कच्चा माल होता है वह समाप्त हो जाता है और फिर सभी बेरोजगार हो जाती है।