महात्मा गांधी के बलिदान दिवस पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर कोसी पीड़ित अपनी मांगों को लेकर सत्याग्रह पदयात्रा शहर के बैरिया मंच से शुरू की। इस यात्रा को शहीद भगत सिंह के भांजे प्रो. जगमोहन सिंह ने रवाना किया। इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भगत सिंह की शहादत को गांधीजी ने अपनी शहादत देकर आगे बढ़ाया। कोसी की समस्याओं का समाधान नहीं करना और हर बाढ़ में जान-माल की तबाही नीतिगत हत्या है। इसके समाधान के लिए यह सत्याग्रह पदयात्रा मील का पत्थर साबित होगी। सारे पदयात्री सिर्फ़ अपने भले के लिए नहीं प्रकृति, पर्यावरण, खेती, आजीविका को समृद्ध करने के लिए चल रहे हैं। सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता दीपक ढोलकिया ने कहा कि कोसी के लोगों की सामूहिक शक्ति ही इसके समाधान का रास्ता निकालेगी। सरकारें आती-जाती रहेंगी। भारतीय सामुदायिक कार्यकर्ता संघ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद मूर्ति ने कहा कि गांधी उस समय के अंग्रेजों के खिलाफ लड़े और आप लोग आज की सरकार जिसने कोसी के लोगों को भूला दी है उनके खिलाफ निकल रहे हैं। मैं सत्याग्रह पदयात्रा को समर्थन करने आया हूं। कोसी नव निर्माण मंच द्वारा आयोजित इस पदयात्रा की शुरुआत बैरिया मंच पर सभा से हुई और सुपौल गांधी मैदान पहुंचने पर शहर के लोगों के साथ सभा आयोजित हुई। इस सभा की अध्यक्षता गांधीवादी अवध बाबू ने किया। कार्यक्रम में संगठन का मांग पत्र जिला सचिव आलोक राय ने रखा, विषय प्रवेश अध्यक्ष इंद्र नारायण सिंह ने किया, भुवनेश्वर प्रसाद, भगवान पाठक, चंद्र मोहन, अर्चना सिंह, किरनदेव यादव, कमलेश्वरी, मु. अब्बास, सीघेश्वर राय, महेंद्र यादव, आरिफ, घोघरारिया मुखिया एकता यादव, गोपालपुर सिरे के मुखिया सुरेंद्र यादव, सहरसा के इकबाल भुट्टो, परिषदीय अध्यक्ष संदीप आदि ने संबोधित किया। संचालन शोधार्थी राहुल यादुका ने किया वहीं धन्यवाद ज्ञापन रामचंद्र यादव ने किया। कार्यक्रम में शंभू, सतीश, सुभाष, रणवीर, जय प्रकाश धर्मेंद्र, शिव शंकर मंडल, प्रियंका, संजू, शनिचरी देवी आदि ने व्यवस्थापन किया। यात्रा गांधी मैदान से निकलकर, मल्लिक चौक होते पिपरा, बसबिट्टी चौक पर संवाद करते हुए बकौर पहुंची जहां मुखिया नंदन पंडित और विकास ने स्वागत किया। यात्रा में कोसी के अनेक गांवों के 60 महिला-पुरुष, पैदल चल रहे हैं। यात्री जगह जगह संवाद करते हुए 12 फरवरी को 250 किमी की दूरी तय कर पटना पहुंचेंगे। विदित हो कि कोशी उजड़े लोगों और पुनर्वास से वंचित लोगों पुनर्वासित कराने, कोसी पीड़ित विकास प्राधिकार को पुनः सक्रिय और प्रभावी बनाने, कोशी समस्या का जनपक्षीय समाधान, तटबंध के भीतर के माफ लगान की वसूली पर रोक लगाने, भू सर्वे के प्रविधानों में सुधार, और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, लगान मुक्ति कानून बनाने इत्यादि की मांग को लेकर सत्याग्रही पैदल चल पड़े हैं।