कल देश नव दिवाली मनाने जा रहे है,लिहाजा लोगो की तैयारी जोर शोर पर है।लोग अपने घर आंगन सहित मंदिरो की साफ सफाई में जुटे है।लेकिन इस ऐतिहासिक पल में भी बिहार के सुपौल के नगर पंचायत निर्मली का हाल नारकीय है।यहां बीते तीन चार दिनों से साफ सफाई व्यवस्था ठप है।लिहाजा पूरे शहर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है।जिसका कारण है सफाई कर्मियों का हड़ताल पर जाना। दरसल इन दिनों नगर पंचायत के सफाई कर्मी समय से वेतन और ईपीएफ नही मिलने को लेकर हड़ताल पर हैं।सफाई कर्मियों का कहना है कि हमलोगों को ईपीएफ के नाम पर गुमराह कर लूट खसोट किया जा रहा है। हालंकि इस बीच आज यानी कि रविवार को नगर पंचायत के अधीन एनजीओ के मैनेजर सहित अन्य सफाई कर्मी को मानने पहुंचे लेकिन सफाई कर्मी हड़ताल से नही लौटे..इधर मौके पर उपस्थित एनजीओ और हड़ताल कर्मी जब कैमरे के आमने सामने हुआ तब एक चौकने वाला खुलासा हुआ। एनजीओ के मैनेजर के अनुसार उनके कंपनी में 110 सफाई कर्मी पंजीकृत है,जबकि धरातल पर मात्र 70-75 ही सफाई कर्मी है। तो अब जरा आप खुद ही सुनिए आरोप प्रत्यारोप में किस प्रकार घोटाले की पोल खुली है...