सदर अस्पताल परिसर स्थित पुराने सिविल सर्जन कार्यालय में आग लग गई, जिससे काफी देर तक अफरा-तफरी मची रही। हालांकि, दमकल गाड़ी के आने के बाद आग पर काबू पाया गया। इस अगलगी में उस भवन में रखे ब्लीचिंग, चूना सहित पुराने कागजात जलकर राख हो गए। आग क्यों और कैसे लगी इसका पता नहीं चल पाया है। कोई बिजली शार्ट सर्किट से आग लगने का कारण बता रहा है तो कोई कुछ और। वैसे इस घटना के पीछे कोई साजिश होने की भी बात कही जा रही है। अस्पताल के कर्मियों ने बताया कि दोपहर के लगभग बारह बजे उस भवन से धुआं निकल रहा था और जबतक कोई कुछ समझ पाता तब तक आग की लपटें निकलने लगी। देखते ही देखते भवन के अंदर के भाग को आग ने अपने आगोश में ले लिया। सिविल सर्जन डा. ललन ठाकुर ने बताया कि प्रथम दृष्टया बिजली शार्ट सर्किट से आग लगना प्रतीत हो रहा है। वैसे छानबीन करवाएंगे। उन्होंने कहा कि उस भवन में चूना व ब्लीचिंग पाउडर रखा हुआ था जो बर्बाद हो गया। बहुत पहले की एक्सपायरी दवा भी रखी हुई थी। मालूम हो कि उक्त भवन में वर्षों पूर्व सिविल सर्जन कार्यालय चलता था। नये भवन बनने के बाद सिविल सर्जन कार्यालय वहां से हट गया और उसमें जिला यक्ष्मा केंद्र का कार्यालय चलने लगा। जब यक्ष्मा केंद्र को सदर अस्पताल के भवन में शिफ्ट किया गया तो उस पुराने भवन को परित्यक्त घोषित कर दिया। अब सवाल उठता है कि जब उसे परित्यक्त घोषित कर दिया गया तो उस भवन में बिजली कैसे थी। हालांकि, कई लोग दबी जुबान शार्ट सर्किट से आग लगने की बात को नकार रहे हैं। इसके पीछे कोई न कोई साजिश बताया जा रहा है। वैसे असलियत का पता तो जांच के बाद ही चलेगा।