आज के परिप्रेक्ष्य में गाँव और गरीबों दूर होती जा रही है शिक्षा. तथाकथित शिक्षा की व्यवसायिक व्यवस्था से आम आदमी के लिए शिक्षा प्राप्त करना मुश्किल होती जा रही है. एक तरफ बढ़ती आबादी, कम पड़ रही सरकारी शिक्षण व्यवस्था तो दुसरी ओर निजी विद्यालय की महंगी चकाचौंध शिक्षण व्यवस्था.