निजी अस्पताल पर छापा मारा , लेकिन मजिस्ट्रेट और सिमो में टोनी मजिस्ट्रेट ने डीएम को कार्रवाई करने के लिए कहा , मऊ में निजी अस्पतालों के संचालन के लिए कोई निर्धारित नियम नहीं है । यही कारण है कि वाराणसी और मऊ जिला अस्पतालों को का हफ कहा जाता है क्योंकि यहां मुख्यालय सहित पूरे राज्य में सैकड़ों छोटे - बड़े डीलर काम कर रहे हैं , लेकिन बड़ी बात यह है कि जिले में इन अस्पतालों का संचालन का कोई पैमाना नहीं है । स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रशासन निर्धारित नहीं किया गया है । जिले के निजी अस्पतालों के मकड़ी के जाल में फंसे जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सरकार के निर्देशों का उल्लंघन किया जाता है । इसका कारण यह है कि कई शिकायतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के कानों में जूँ नहीं हैं । जिले में सैकड़ों अस्पताल क्लीनिक , डायग्नोस्टिक सिस्टर नर्सिंग होम , चाइल्ड केयर सर्जिकल और ट्रॉमा सेंटर आदि स्वैच्छिक तरीके से चलाए जा रहे हैं । यालय के पीछे स्थित ओम स्वास्थ्य अस्पताल में छापेमारी की गई , जिसमें अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी और नोडल डॉक्टर आर . एम . सिंह भी शामिल थे ।